Thursday, March 28, 2024
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संभावना स्कूल ने मनायी शान्ति-देवी की 29वीं पुण्यतिथि

Shanti-Devi 29th death anniversary: 250 जरुरतमंदो के बीच वस्त्र एवं प्रसाद हुआ वितरित

Bihar/Ara: आरा शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा स्थित ‘शांति स्मृति’ संभावना आवासीय उच्च विद्यालय में शनिवार को स्व. शांति देवी की 29 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. कन्हैया बहादुर सिन्हा, अध्यक्ष (बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ) के साथ विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेन्द्र और प्राचार्या डॉ. अर्चना कुमारी ने संयुक्त रूप से किया। दीप प्रज्ज्वलन के बाद स्व. शान्ति देवी के तैल-चित्र पर पुष्पांजलि और माल्यार्पण भी आगत अतिथियों द्वारा किया गया। इस मौके पर उपस्थित अतिथियों के साथ विद्यालय परिवार के सदस्यों और छात्रों ने भी पुष्पांजलि अर्पित किया।

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
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Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

Shanti-Devi 29th death anniversary: इस मौके पर विद्यालय की छात्राओं में विद्या, मनीषा यादव, सभ्यता, काजल, अम्बिका, रिद्धि पांडेय, साक्षी ने “जग में सांचो तेरे नाम, है राम” को एवं कबीर दास द्वारा रचित निर्गुण भजन “चदरिया झीनी रे झीनी” प्रस्तुत किया।

स्वागत एवं भाषण विद्यालय की प्राचार्या डॉ. अर्चना कुमारी ने कहा कि स्व. शांति देवी (Shanti-Devi) मेरी सासू मां थीं। उनकी स्मृति में ही विद्यालय की स्थापना की गई थी। विद्यालय की स्थापना का कारण उनका शिक्षा और कला-संस्कृति से उनका लगाव था। कैंसर से उनकी मृत्यु हो गयी थी।

शिक्षा के लगाव को इसी से समझा जा सकता है कि घर मे धर्मवीर भारती की पत्रिका धर्मयुग संपादकीय को पढ़ती थीं। स्त्री शिक्षा कला साहित्य और शिक्षा के उनके सपनों को साकर करें। अतिथि का उद्गार व्यक्त किया कि कम समय मे भी बुलाने पर वे हमेशा आ जाते हैं।

आज श्रद्धांजलि का दिन हैं भाषण का नही। इस मौके पर अपने अध्यक्षीय संबोधन डॉ. कन्हैया बहादुर सिन्हा ने कहा कि मेरा इस विद्यालय के निदेशक और प्राचार्या के प्रति स्नेह का कारण सिर्फ मुझे सम्मान मिलना नही है, बल्कि शिक्षा के माध्यम से समाज को निरंतर इनकी सेवा देना मुझे स्नेहिल बनाता है।

मातृ-ऋण से कोई उद्धार नही हो सकता। माता-पिता को आज के युग में बच्चे ओल्ड एज होम में भेज देते हैं और 6 महीने और साल में एक बार मिलने जाते हैं, वैसे समय में भी माता-पिता के सपनों को साकार करते हुए उनके पुण्यतिथि को मनाना और गरीबों के बीच वस्त्र का दान करना इन्हें औरों से अलग बनाता है।

ऐसे लोग समाज में एक प्रेरणादूत होते हैं। जैसा कि इन्होंने बताया कि इनकी माताजी (Shanti-Devi) धर्मयुग पढ़ती थीं। अब तो पत्रिका भी उस स्तर की नही रहीं। बस अखबार बच गए हैं। माताजी के आभार प्रति उन्होंने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि धन्य हैं ऐसी जननी जिन्होंने अपने विचारों को अपनी अगली पीढ़ी में रोपा है। इस मौके पर 250 गरीब महिलाओं और पुरुष के बीच वस्त्र और प्रसाद का वितरण किया गया। जिसे मुख्य अतिथि ने अपने हाथों से वितरित किया।

धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के निदेशक डॉ. कुमार द्विजेन्द्र ने कहा कि पुण्यतिथि के इस पुनीत कार्यक्रम में हमारे गुरु प्रो. कन्हैया बहादुर का विद्यालय में आने के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही विद्यालय प्रांगण में उपस्थित सभी शिक्षकों का भी धन्यवाद। संचालन राजेश रमण ने किया।

इस मौके पर उप प्राचार्य ऋषिकेश ओझा, गोविंदा, कला शिक्षक विष्णु शंकर, योग शिक्षक शशि भूषण सिंह, ब्रजेश तिवारी, सरोज सुमन, राधेश्याम तिवारी, अमित कुमार सिंह, प्रवीण कुमार सिंह, रेणु पांडेय, सुश्री क्षमा के साथ विद्यालय परिवार के सभी कर्मचारी मौजूद थे।

बतातें चलें कि स्व. शान्ति देवी पूर्व सहकारिता पदाधिकारी सह संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के संस्थापक स्व. शारदा प्रसाद सिंह की पत्नी थीं। 1994 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में संभावना स्कूल की नींव रखी गयी थी।

MD WASIM
MD WASIM
Journalist
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aman singh
sambhavna

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