Special judge POCSO Ara: सिविल कोर्ट आरा के पॉस्को के विशेष न्यायाधीश सह एडीजे षष्टम अरविंद कुमार सिंह ने शनिवार को दस वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
हाइलाइट्स: Special judge POCSO Ara
न्यायालय ने अभियुक्त पर कुल सवा लाख रुपया आर्थिक दंड भी लगाया
पॉस्को के विशेष न्यायाधीश सह एडीजे षष्टम अरविंद कुमार सिंह ने सुनाया फैसला
आरा: सिविल कोर्ट आरा के पॉस्को के विशेष न्यायाधीश सह एडीजे षष्टम अरविंद कुमार सिंह ने शनिवार को दस वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में अभियुक्त को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस दौरान अभियुक्त पर कुल 1 लाख 25 हजार रुपये आर्थिक दंड भी लगाया गया। अभियुक्त नारायण साह उर्फ वकील साह है। अभियोजन की ओर से पॉस्को के विशेष लोक अभियोजक सरोज कुमारी ने बहस की थी।
उन्होंने बताया कि 16 दिसम्बर 2024 को नगर थाना क्षेत्र की पीड़िता बगल से आटा लेकर घर और अपनी माँ से बोली कि नारायण साह बुला रहे है। इसके बाद वह उसके घर चली गई। काफी देर के बाद लड़की घर नही आई। उसकी माँ अपने साथ कुछ लोगो को लेकर आरोपी के घर गई। आरोपी ने कहा कि उसकी लड़की नही आई है। चेहरे के भाव देखकर उसके घर में घुसकर वे लोग उसे खोजने लगे। घर में चौकी के नीचे लड़की का शव मिला। उसके कपड़े पर खून लगा हुआ था। आरोपी ने बताया कि दुष्कर्म करने के बाद उसकी गला दबाकर उसकी हत्या कर दिया। घटना को लेकर थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। 24 जनवरी 2025 को अआरोप का गठन हुआ था। अभियोजन की ओर से कोर्ट में 12 गवाहों की गवाही हुई थी।
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विशेष लोक अभियोजक सरोज कुमारी ने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट, डीएनए रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उक्त घटना की पुष्टि हुई। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषी पाते हुए अभियुक्त नारायण साह उर्फ वकील साह को बीएनस की धारा 65 (2) के तहत कठोर आजीवन कारावास तथा 25 हजार रुपया जुर्माना, 66 के तहत कठोर आजीवन कारावास तथा 25 हजार रुपया जुर्माना,103 के तहत कठोर आजीवन कारावास तथा 25 हजार रुपया जुर्माना एवं 238 के तहत 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा 25 हजार रुपया जुर्माना व पास्को की धारा 6 के तहत कठोर आजीवन कारावास एवं 25 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई। सभी सजाए साथ-साथ चलेगी।
एसपी बोले: पुलिस और अभियोजन पक्ष की बड़ी सफलता
भोजपुर पुलिस अधीक्षक राज ने बताया कि यह मामला 17 दिसंबर 2024 का है। जब नगर थाना क्षेत्र के एक मुहल्ले की एक नाबालिग के साथ मुहल्ले के ही एक व्यक्ति नारायण साह उर्फ वकील साह ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को छुपा दिया था। पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और अभियुक्त को गिरफ्तार कर लगभग एक महीने में चार्जशीट दाखिल कर दिया। जिसमें आज न्यायालय द्वारा अभियुक्त नारायण साह को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई। एसपी ने इसे पुलिस और अभियोजन पक्ष की बड़ी सफलता बताई।
जांच में सहयोग और तत्परता के लिए प्रशस्ति पत्र
पुलिस अधीक्षक राज ने बताया कि इस कांड के जांच दल, एफएसएल टीम, गवाह , स्पेशल पीपी समेत जांच में सहयोग करने वाले उन सभी लोगों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने मुकदमा को अंजाम तक पहुंचाया।
पब्लिक की मांग पर हुआ स्पीडी ट्रायल
इस मामले में पुलिस ने लोगों की भावनाओं और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्पीडी ट्रायल का आग्रह न्यायालय के समक्ष किया था। जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने इस मुकदमे में चार्जशीट दाखिल होने के महज चार महीने में यह आदेश सुनाया है। मुकदमे में पहली सुनवाई 3 जनवरी 2025 थी। न्यायालय ने 24 जनवरी 2025 को चार्जशीट दाखिल होने के दिन ही छह सम्मन गवाहों को जारी कर दिया। सभी गवाह समय से उपस्थित हुए। इस मुकदमे का एक सुखद पहलू यह भी रहा कि किसी गवाह को उपस्थित होने के लिए रिमांइडर जारी नहीं करना पड़ा।