शिक्षकों को चाइनीज सेवा शर्त नामंजूर-जेपी
शाहपुर/बिहिया। प्रखंड टेट/एस टेट नियोजित शिक्षक संघ ने शिक्षक दिवस (teachers day) को संकल्प दिवस के रूप में मनाया और चाइनीज सेवाशर्त का विरोध काली पट्टी बांधकर किया। प्रखंड अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र एवं शाहपुर के प्रखंड अध्यक्ष सत्येंद्र दुबे ने कहा कि सेवाशर्त में मोटे तौर पर ऐच्छिक स्थानान्तरण, फुलफ्रेज इपीएएफ, अर्जितावकाश, ग्रेच्युटी, बीमा, मेडिकल समेत टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की महत्वपूर्ण मांगों को दरकिनार कर दिया गया है।
जहां ऐच्छिक स्थानान्तरण का लाभ शिक्षिकाओं एवं विकलांगों के लिए केवल एकबार रखा गया है। वहीं म्युचअल स्थानान्तरण के नाम पर शिक्षकों को भ्रमित करने की कोशिश की गई है। अर्जितावकाश भी राज्यकर्मियों को तीन सौ दिनों का मिलता है। वही हमलोगों को महज 110 दिनों का दिया गया है।
केंद्र सरकार द्वारा लाये गए इपीएफ संशोधन कानून के आलोक में मूल वेतन पर इपीएफ कटौती के वजाय मिनिमम वेज पर इपीएफ की कटौती करते हुए हमारे इपीएफ के पर भी कतर दिये गये है। अनुकंपा के नाम पर हमारे आश्रितों के लिए मस्टररॉल टाइप अनुसेवी और विद्यालय सहायक जैसे मानदेयी पद गढ़े गये है। जिनसे एक परिवार का मिनिमम गुजारा संभव नही। ग्रेच्युटी, बीमा एवं मेडिकल आदि सुविधाओं का तो जिक्र तक नही है।
प्रोन्नति एवं पदौन्नति जैसे मसले पर RTE और NCTE के प्रावधानों की खुली धज्जियां उड़ाकर हम सबके भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। डीए में कटौती करते हुए 01 अप्रैल 2021 से 15% वेतनवृद्धि का लालीपाप दिखाया जा रहा है। जबकि सुप्रीमकोर्ट ने पिछले साल ही टीइटी शिक्षकों के लिए बेटर पे स्कैल का सुझाव दिया है। यह सेवाशर्त सर्वोच्च न्यायालय के वेतन संबंधी न्यायिक सुझावों का भी निषेध कर रही है।
मोटे तौर पर यह दिख रहा कि यह नया सेवाशर्त हम शिक्षकों के बंधुआगिरी को बहाल बनाये रखने का ही कानूनी जामा है। लिहाजा हमारी लड़ाई अपनी जगह पर बदस्तुर कायम है। (teachers day) सहायक शिक्षक राज्यकर्मी का दर्जा तदनुरूप सेवाशर्त की मांग पर हमलोग नियोजन के समय से ही संघर्ष करते रहे है। अनवरत संघर्ष और बार बार मांग करने के बावजूद यह सरकार शिक्षकों के प्रति क्रूर अपमानजनक रवैया अपनाये हुए है। (teachers day) राज्य कार्यकारिणी सदस्य जय प्रकाश और तनवीर अली ने कहा कि टीइटी एसटीइटी शिक्षकों को चरम अपमानजनक स्थिति में धकेलनेवाली, शिक्षकों को उनके वाजिब कानूनी हक से वंचित करनेवाले शिक्षा व शिक्षकविरोधी तानाशाह सरकार के खिलाफ हम बिहार के शिक्षक आज 5 सितंबर 2020 शिक्षक दिवस के दिन “संकल्प दिवस” मनाते हुए संकल्प लेते हैं कि—–
1) सहायक शिक्षक –राज्यकर्मी का दर्जा एवं पुराने शिक्षकों की भाँति वेतनमान व समान सेवाशर्त की मांग पर अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
2) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से पूर्णतः मुक्त करने के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
3) छात्र शिक्षक अनुपात सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता के मद्देनजर शिक्षक नियुक्ति के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
4) स्थानीय निकायों के जरिये कमतर वेतन और शोषणप्रद शर्तों पर शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया को समाप्त करने और उसकी जगह समुचित सरकार के द्वारा केंद्रीकृत नियुक्ति के लिए संघर्ष तेज करेंगे
5) हम TET STET शिक्षक विद्यालय में गुणवततापूर्ण शिक्षा को पूरी सिद्दत के साथ आगे बढ़ाते रहेंगे।
सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली का ध्वंस करनेवाली और शिक्षकों को उनके वाजिब श्रमिक हकों से वंचित करनेवाली सरकार को उसकी ही भाषा में जवाब देंगे। (teachers day) बिहार की वर्तमान एनडीए सरकार हम शिक्षकों को बंधुआ बनाये रखना चाहती है – हम बंधुआगिरी से मुक्ति के लिए “बदला लो – बदल डालो” के जज्बे के साथ आगे बढ़ेंगे। अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए वर्तमान सरकार को बदलने के लिए एकजूट रहेंगे।
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