आरा/जगदीशपुर। हेतमपुर सोन नहर राजवाहा सरकार के गलत नीतियों के कारण उपेक्षा का शिकार बन गया है। जिससे नहर के अस्तित्व पर संकट मडंरा रहा है। ज्ञात हो कि हेतमपुर सोन नहर राजबाहा से एक और लिंक नहर निकलती है जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बिंदेशवरी दुबे के पैतृक गांव महुआव होते हुए चकरही, ओसाई को जाती है जो इस क्षेत्र के किसानों के लिए नहर में पानी सपना के समान है तत्कालीन मुख्यमंत्री बिंदेशवरी दुबे के कार्यकाल में इस नहर में पानी नियमित रूप से आता था। लेकिन सरकारी तंत्र में लगी जंग के कारण वो विभागीय अधिकारियों के उदासीनता के कारण आज नहर वो इस क्षेत्र के किसान उपेक्षित है।
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वही हेतमपुर सोन नहर राजवाहा में शीध्र पानी छोडने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सह अधिवक्ता विनोद वर्मा के नेतृत्व मे किसानों ने सोन नहर के SDO संजय कुमार का धेराव हेतमपुर फाल पर किया गया। अधिवक्ता विनोद वर्मा ने कहा कि विभाग के अधिकारियों के उदासीनता के कारण कई साल से हेतमपुर नहर में पानी नही आ रहा है हेतमपुर सोन नहर राजवाहा की स्थिति यह कि ऊपर तक तो पानी आता है पर हेतमपुर फाल के नीचे पानी नही आता जिससे किसानों में नीतीश सरकार वो विभाग के खिलाफ आक्रोश है। लाखों रूपया नहर के साफ सफाई वो रख रखाव के लिए सरकार से विभाग को मिली राशि को भी अधिकारी गबन कर जाते है। कभी भी कोई अधिकारी वो जनप्रतिनिधि इस नहर की वो किसानो की सुध लेने नही आता।
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उनहोने कहा कि हेतमपुर राजवाहा की कुल लम्बाई राम नगर बंगला (डुमरांव टोला) 17 किलोमीटर है जो नहर में पानी नही आने से हर साल किसानों को सुखा का सामना करना पड़ता है और अधिकारी मुख्यालय में बैठे अऐयासी करते है। उन्होंने कहाँ की हेतमपुर सोन नहर में झलासो का अंबार लगा है वही नहर में एक भी मानक के अनुसार नाले नहीं लगे है नहर में सभी जगह अवैध नाले लगे है जब विभाग के अधिकारियों से अवैध नाले हटाकर सभी जगह निर्धारित वो मानक के अनुसार नाले लगाने की बात पुछे जाने पर अधिकारी कनी कटा लेते है।
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अधिवक्ता विनोद वर्मा ने कहा कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के मंत्री वो सचिव को ईमेल से सुचना देने के बाद भी कोई कार्यवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि नहर विभाग में अधिकारियों के संरक्षण में किमती हरे पेडो़ के अवैध रूप से कटाई का गोरख धंधा धडले से चल रहा है। सोन नहर मुख्यालय रामनगर बंगला जगदीशपुर भ्रष्टाचारियो का अड़ा बना हुआ है।
अधिवक्ता विनोद वर्मा ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शीध्र हेतमपुर राजवाहा के अंतिम छोर तक पानी के सवाल पर किसान सत्याग्रह आंदोलन करेगे।मौके पर उमेश यादव, राजेश यादव, अमोद यादव, हरी पाडे़ं, संजय कुमार, उपेंद्र पाल, लक्ष्मण सिंह, अशोक राम, सहित दर्जनों किसान थे।