Sunday, February 23, 2025
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आज है चंद्र ग्रहण: शाम 4.05 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा सूतक

Today is lunar eclipse: सूतक काल 28 अक्टूबर की शाम से 4 बजे से लग जाएगा और ग्रहण खत्म होने के बाद ही समाप्त होगा। ग्रहण का समय आज मध्य रात्रि 1.05 बजे से होगी और 2.24 बजे तक ग्रहण रहेगा।

  • हाइलाइट :-
    • चंद्र ग्रहण का स्पर्श काल – आज रात करीब 01:05 बजे
    • चंद्र ग्रहण का मोक्षकाल – 29 अक्टूबर रात 02:05 बजे

Today is lunar eclipse खबरे आपकी: आज भारत सहित विश्व के कई देशों में चंद्र ग्रहण लगेगा, इनमें भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, हिन्द महासागर के अधिकांश भागों से दिखाई देगा। भारत में यह दिल्ली, पटना, मुंबई, कोलकाता, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि कई राज्यों और शहरों में दिखाई देगा।

Today is lunar eclipse: ग्रहण का समय पूरे भारत मे समान

ग्रहण का समय पूरे भारत मे समान होने तथा भारत भूमि पर स्पष्ट रूप से आज मध्य रात्रि 1.05 बजे से होगी और 2.24 बजे तक ग्रहण रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक, ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले से शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक खत्म होता है। सूतक शाम में 4.05 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा।

Pintu bhaiya
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सूतक के समय और ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श करना निषिद्ध माना गया है। खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना आदि कार्य भी इस समय वर्जित हैं। सूतक आरंभ होने से पहले ही अचार, मुरब्बा, दूध, दही अथवा अन्य खाद्य पदार्थों में कुशा तृण डाल देना चाहिए जिससे ये खाद्य पदार्थ ग्रहण से दूषित नहीं होगें। अगर कुशा नहीं है तो तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं।

खण्ड ग्रास चन्द्र ग्रहण के सूतक काल में दान और जप आदि का महत्व माना गया है। पवित्र नदियों अथवा सरोवरों में स्नान किया जाता है । मंत्रो का जाप किये जाने से शीघ्र लाभ प्राप्त होता है तथा इस समय में मंत्र सिद्धि भी की जाती है। तीर्थ स्नान, हवन तथा ध्यानादि शुभ काम इस समय में किए जाने पर शुभ तथा कल्याणकारी सिद्ध होते हैं।

खगोलिय दृष्टि से देखा जाए तो पृथ्वी जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में होता है। और इससे सूर्य का प्रकाश रोक लिया जाता है। चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। परिणाम स्वरूप चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ जाती है । यही चंद्र ग्रहण की स्थिति होती है । इस प्रकार देखा जाए तो चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है और इसके कारण दोनों ग्रहों का प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है।

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