Tuesday, December 24, 2024
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भारत मे पेड़ की तुलना संतान से की गई है-राकेश ओझा

हिन्दू परंपराओं ने कहीं न कहीं प्रकृति का संरक्षण किया है

खबरें आपकी-विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर युवा भाजपा नेता राकेश विशेश्वर ओझा के पहल पर शाहपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अलग-अलग विभिन्न गांवों में फलदार वृक्षों के पौधे लगये गये। वीर विश्वेश्वर ओझा मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा वृहद पैमानें पर वृक्षारोपण किया गया।

इस मौके पर युवा भाजपा नेता राकेश ओझा ने कहा कि हिन्दू धर्म में प्रकृति पूजन को प्रकृति संरक्षण के तौर पर मान्यता है। भारत में पेड़-पौधों, नदी-पर्वत, ग्रह-नक्षत्र, अग्नि-वायु सहित प्रकृति के विभिन्न रूपों के साथ मानवीय रिश्ते जोड़े गए हैं। पेड़ की तुलना संतान से की गई है तो नदी को मांं स्वरूप माना गया है।ग्रह-नक्षत्र, पहाड़ और वायु देवरूप माने गए हैं।

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Pintu bhaiya
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राकेश ओझा ने कहा कि प्राचीन समय से ही भारत के वैज्ञानिक ऋषि-मुनियों को प्रकृति संरक्षण और मानव के स्वभाव की गहरी जानकारी थी। वे जानते थे कि मानव अपने क्षणिक लाभ के लिए कई मौकों पर गंभीर भूल कर सकता है। अपना ही भारी नुकसान कर सकता है। इसलिए उन्होंने प्रकृति के साथ मानव के संबंध विकसित कर दिए। ताकि मनुष्य को प्रकृति को गंभीर क्षति पहुंचाने से रोका जा सके। यही कारण है कि प्राचीन काल से ही भारत में प्रकृति के साथ संतुलन करके चलने का महत्वपूर्ण संस्कार है।

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ओझा ने कहा कि हिन्दू परंपराओं ने कहीं न कहीं प्रकृति का संरक्षण किया है। हिन्दू धर्म का प्रकृति के साथ कितना गहरा रिश्ता है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि दुनिया के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद का प्रथम मंत्र ही अग्नि की स्तुति में रचा गया है।अब जरूरत है कि हम सभी समय रहते सचेत हो। पर्यावरण को पहले ही बहुत नुकसान पहुंच चुका है। हम सभी को अपने स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए।

इस मौके पर जितेंद्र चौबे, राजेन्द्र तिवारी, छोटू शास्त्री, छोटे उपाध्याय,ओमकार मिश्रा, मुन्ना उपाध्याय अरुण ओझा, धनंजय पांडेय, गणेश तिवारी, आशुतोष पांडेय, उत्तम जी पांडेय, राधेश्याम पांडेय,गणेश तिवारी, समेत सैकड़ों लोगों ने अपना योगदान दिया।

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