Rajkumar Singh press conference: खबरे आपकी आरा परिसदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह ने नीतीश – तेजस्वी की सरकार पर जमकर हमला बोलते कहा की बिहार विधानसभा मार्च के लिए हमलोगों ने पूर्व में नोटिस दिया था और उसकी अनुमति दी गई । राजकुमार सिंह ने नीतीश कुमार से तीन सवालों का अपना जवाब मांगा है ।
- हाइलाइट:- Rajkumar Singh press conference
- बिहार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है
- बिहार में 17 सौ करोड़ का पुल गिर गया
- क्या बिहार में बेरोजगारी खत्म हो गई है
आरा परिसदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह ने नीतीश – तेजस्वी की सरकार पर जमकर हमला बोलते कहा की बिहार विधानसभा मार्च के लिए हमलोगों ने पूर्व में नोटिस दिया था और उसकी अनुमति दी गई । राजकुमार सिंह ने नीतीश कुमार से तीन सवालों का अपना जवाब मांगा है । पहला सवाल किस अधिकार से डाक बंगला चौराहा पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोका गया। क्या डाक बंगला चौराहे पर धारा 144 लगाया गया था । इस दौरान धारा 144 की घोषणा किसी नहीं सुना, जब 144 नहीं लगाया गया था तब सरकार को बल का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। सरकार के लोगों ने जिस तरीके से हत्या की,बेकसूर लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया है वो गैर कानूनी है। यह लाठीचार्ज नीतीश कुमार के आदेश पर हुआ है। इस लाठीचार्ज से ऐसा लगता है कि नीतीश– तेजस्वी की सरकार बौखलाहट में है । इस सरकार में कोई नैतिक अवाधार नहीं रह गया है ।
नीतीश कुमार आज इधर तो कल उधर,आया राम गया राम वाली स्थिति है । हरियाणा की सरकार से भी उससे ज्यादा आया राम गया राम नीतीश कुमार हो गए है। यही वह नीतीश कुमार है जब तेजस्वी यादव पर समन हुआ,उन पर जांच शुरू हुआ । उसी आधार पर नीतीश कुमार राजद से गठबंधन तोड़ दिया था । आज चार्जशीट हो गया लेकिन उसका साथ छोड़ने को तैयार नहीं है, कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं है ।
बिहार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। तेजस्वी पर भ्रष्टाचार का आरोप है । तेजस्वी के पिता लालू यादव ने रेलवे में घुस लेकर नौकरी दी, जिस गरीब के पास पैसा नहीं था । नौकरी के बदले उनसे जमीन लिखवा लिया। जिसका प्रमाण आप लोगों के सामने हैं। डॉक्यूमेंट्री एविडेंस होने के कारण लालू यादव को सजा मिलना तय है। लेकिन नीतीश कुमार तो सीना तान कर खड़े हैं कि हमें कुर्सी नहीं छोड़ना।
पढ़ें :- अगर मेरी बात पर यक़ीन नहीं हो तो सुशील मोदी से पूछ लीजिए- शिवानंद
बिहार में 17 सौ करोड़ का पुल गिर गया। लेकिन अब तक अधिकारी,पदाधिकारी आया ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ठेकेदार सिगला में किस-किस अधिकारी और नेताओं का पैसा लगा हुआ है इसकी जांच ईडी और सीबीआई से होनी चाहिए। जांच के बाद बहुत लोगों का चिट्ठा खुल जाएगा। बिहार में सिगला एंड कंपनी को ही ठेका दिया जाता है। बिहार में दो बड़े–बड़े पुल गिर जाते है और बोलते है की बिहार में सुशासन की सरकार है ।
राजकुमार सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार से बिहार संभल नहीं रहा,लेकिन आजकल पूरा विपक्षी दल को एकजुट करने में लगे है । बिहार की जनता अब तंग आ गई है । नीतीश कुमार सोच रहे हैं कि कास्ट कॉम्बिनेशन कर इस चुनाव में निकल जाएंगे । लेकिन अब बिहार की जनता नहीं मानने वाली। बिहार में लालू सरकार के राज की तरह नीतीश की राज चल रही है ।
बिहार में शराबबंदी कर दी,लेकिन धड़ल्ले से अवैध शराब कारोबार का धंधा चल रहा है। जहरीली शराब पीने से लोग मर रहे हैं । पहले नीतीश कुमार कहते थे कि शराब पीने से मरने वालों को मुआवजा नहीं दिया जाएगा, लेकिन अब मुआवजा भी दे रहे हैं। बिहार में लाखों युवा बेरोजगार हैं। वर्षों से चली आ रही नियम को बदल दिया, शिक्षक की बहाली में दूसरे राज्यों को लोगों को लेंगे । क्या बिहार में बेरोजगारी खत्म हो गई है, कि दूसरे राज्यों के लोगों को यहां शामिल कर रहे हैं। क्या कारण था कि आपने शिक्षक नियमावली को बदल दिया। पूरे देश में यूपीएससी में टॉप करने वालों में बिहार के छात्र शामिल है । लेकिन बिहार के युवाओं को अवहेलना किया गया ।
झूठ की राजनीति बहुत दिन तक नहीं चलती, बिहार की जनता सब समझ चुकी है। इस चुनाव में जनता इनको बदलेगी। हमारी मांग है कि पटना में हुए भाजपा नेताओं पर लाठीचार्ज की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। यह लाठीचार्ज अवैध था कि नहीं। हमारा कहना है कि लाठीचार्ज के जरिए हमारे कार्यकर्ता की हत्या की गई है। लाठीचार्ज पूर्व से प्रायोजित था, क्योंकि 8 से 10 जिला से भारी संख्या में पुलिस बल को क्यों बुलाया गया । भ्रष्टाचार में जो चार्जशीटेड है वे रहेंगे, और कोई आवाज उठाएगा उसे कुचल देने का काम करते है ।