Wednesday, April 2, 2025
No menu items!
Homeधर्मपर्व-त्योहारअखंड सौभाग्य के लिए महिलाओ ने रखा वट सावित्री का व्रत

अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओ ने रखा वट सावित्री का व्रत

पूरे विधि विधान के साथ वट वृक्षों के नीचे की पूजा अर्चना

आरा। शहर सहित पुरे जिले में शुक्रवार को महिलाओं ने अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखा। इस दौरान महिलाओं ने पूरे विधि विधान के साथ वट वृक्षों के नीचे पूजा अर्चना की तथा ब्राह्मणों को दान पुण्य किया। इस व्रत में ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी से अमावस्या तक तीन दिन का उपवास रखा जाता है। हालांकि कि कुछ स्थानों पर मात्र एक दिन अमावस्या को ही उपवास होता है। यह व्रत साबित्री द्वारा अपने पति को पुन: जीवित करने की स्मृति के रूप रखा जाता है।

अक्षय वट वृक्ष के पत्ते पर ही भगवान श्रीकृष्ण ने प्रलयकाल में मार्कण्डेय ऋषि को दर्शन दिया था। ऐसी मान्यता है कि यह अक्षय वट वृक्ष प्रयाग में गंगा तट पर वेणीमाधव के निकट स्थित है।वट वृक्ष की पूजा दीर्घायु अखंड सौभाग्य, अक्षय उन्नति आदि के लिए किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में भगवान श्रीराम एवं द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा वृक्षों की पूजा करने के उदाहरण मिलते है।

BK

श्रीमद् भागवत के अनुसार कंस का दूत प्रबला सुर गोकुल को भष्म करने के लिए ज्येष्ठ मास में भेष बदल कर गोकुल आया था। श्रीकृष्ण ग्वाल बालों के संग खेल रहे थे। श्री कृष्ण उसे पहचान लेते हैं और वे अपने साथियों के साथ जिस पेड़ की मदद लेते है। वह बरगद का पेड़ था, जिसका नाम भानडीह था। श्रीकृष्ण की रक्षा इसी बरगद की पेड़ ने की थी।

Mathematics Coching shahpur
Mathematics Coching shahpur

त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने बनागमन के दौरान भारद्वाज ऋषि के आश्रम में पहुंचे थे, उनकी विश्राम की व्यवस्था वट वृक्ष के ही नीचे किया गया था। दूसरे दिन प्रात: भारद्वाज ऋषि ने भगवान श्रीराम को यमुना की पूजा के साथ ही साथ बरगद की पूजा करके आशीर्वाद लेने का उपदेश दिया था। बाल्मीकि रामायण के अयोध्या काण्ड में सीता जी ने भी श्याम वट की प्रार्थना करके जंगल के प्रतिकूल आधातों से रक्षा की याचना किया था। आयुर्वेद के अनुसार वट वृक्ष का औषधीय महत्व भी है।

भोजपुर में अधेड़ की पीट-पीटकर हत्या, एक गिरफ्तार

- Advertisment -
शाहपुर यज्ञ समिति
शाहपुर यज्ञ समिति

Most Popular