आरा शहर के व्यवसायियों ने बैठक कर जताया पुरजोर विरोध
व्यवसायियो को सहयोग करें सरकार- प्रेम पंकज
कहाः मध्यम एवं छोटे व्यवसायियों को होगी परेशानी, जल्द से जल्द आदेश को वापस ले सरकार
पीएम, केन्द्रीय गृह मंत्री, वित्त मंत्री, वाणिज्यकर मंत्री एवं बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम को भेजा निवेदन पत्र
आरा। आरा शहर के बांस टाल में शनिवार को व्यवसायी संघ की बैठक हुई। बैठक में सोशल डिस्टेन्सिंग का ख्याल रखा गया। बैठक में व्यवसायियों ने सरकार द्वारा ऑनलाइन सामानों की खरीदारी पर छूट दिए जाने का पुरजोर विरोध किया। इस दौरान जिले के तमाम व्यवसायियों वीडियो कॉल के माध्यम से अपनी-अपनी बात रखी। जिले के मध्यम एवं छोटे व्यावसायियो ने कहा कि सरकार ने अगामी 20 अप्रैल से फ्रीज, टीवी, कुलर, मोबाइल व रेडीमेड गार्मेन्ट अमेजन, फ्लिप्कार्ट व स्नेपडील से ग्राहक आॅन लाईन खरीदारी का जो निर्णय लिया है। यह सरासर गलत है।
पिछले दो-तीन महिनो से मध्यम एवं छोटे दुकानदारों ने अपने शोरुमो व गोडाउन में माल भर कर रखा है। एक-दो माह में फ्रीज-कुलर का सीजन भी चला जाएगा, तो हम तो सब बर्बाद हो जाऐगें। हम व्यवसायियों के से काफी संख्या में गरीब परिवार के लोग जुड़े हुए हैं। इससे उनके सामने भी भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इसलिए सरकार द्वारा इस आदेश को जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यवसायी संघ के अध्यक्ष प्रेम पंकज उर्फ ललन जी ने बताया कि कोविड-19 को लेकर राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन देश में घोषित किया गया है। इस दौरान व्यावसायियो से अपने प्रतिष्ठान, फैक्ट्री बंद रखने के लिए भी सरकार द्वारा कहा गया है। हम सभी व्यवसायियो ऐसा ही कर रहे हैं। सरकार द्वारा व्यावसायियो से यह भी कहा कि वे अपने कर्मचारियों को व्यापार बंद होने पर भी पूरी तनख्वाह दे। सभी व्यावसायियो ने लगभग सभी स्टाॅफ को मार्च का पुरा वेतन एवं मानदेय भी दिया। लेकिन अप्रैल माह का पेमेंट कहां से देगें और कब तक देते रहेंगे? कुछ लोगों का कहना है कि अखबारों के माध्यम से जानने को मिला कि विद्यालयों से भी फीस नही मांगने की बात कही जा रही है।
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सरकार के द्वारा अभी तक व्यापारियों के सहयोग के लिए क्या किया गया? यह समझ में अभी तक नहीं आया। आपने व्यापारी भाईयों के लिए कौन से सहयोग की प्लानिंग की हुई है? बंदी तो लागू है। सारे व्यापार पूर्णतया बंद है। कृप्या बताएं व्यापारी कैसे जिंदा रहेगा? निम्न खर्चे का सहयोग सरकार के तरफ से क्या होगा? तनख्वाह चालू, बिजली बिल चालू, जीएसटी चालू, बैंक ब्याज चालू, किराया चालू, हाउस टैक्स चालू, जल कर, रोड टैक्स इंश्योरेंस आदि सभी खर्च चालू है। व्यावसायियो के लिए भी राहत नहीं है। अगर उपरोक्त सभी खर्चो में राहत मिल जाए, तो हम व्यावसायी लॉक डाउन के बाद स्वावलंबी रह सकेंगे अन्यथा कुछ व्यापार उद्योग बंद हो जाएंगे। जिससे बहुत बड़ी संख्या में बेरोजगारी बढ़ेगी।
लेकिन हम व्यावसायियों का भी कुछ डिमांड है। जो सरकार को सुनना चाहिए। सभी कमर्शियल पर से फिक्स्ड चार्ज हटा दिया जाए और घरेलू बिजली बिल अगले 3 माह के लिए 50% कर दिया जाए। कंपनीज और फर्मो को अगले 12 महीने के लिए देय जीएसटी का 50% ही भुगतान करना हो। अगले 6 महीनों के लिए सभी प्रकार के ब्याज वा रोड टैक्स माफ किए जाए। हर प्रकार की ईएमआई को अगले 6 महीने के लिए बिना ब्याज के रोक दिया जाए। कर्मचारी का पीएफ के भुगतान में भी राहत हो और अगले 6 माह तक इसका भुगतान सरकार करें।
प्रॉपर्टी कर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 50% तक घटा दिया जाए।
भारत सरकार के द्वारा जैसे आप किसानों को बाढ़ और सूखे के समय राहत देते है। प्रेम पंकज ने बताया कि इस सिलसिले में एक निवेदन पत्र पीएम नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित साह, वित मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य कर मंत्री पियूष गोयल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी आदि को ईमेल एवं ट्विटर के माध्यम से भेजा गया है। इस मौके पर आदित्य विजय जैन, संजय जैन, प्रमोद कुमार, सन्नी शाहाबादी, आलोक अंजन, राजीव रंजन, नंदन कुमार, प्रिंस सिंह, रतन प्रताप एवं रुपेश कुमार आदि व्यवसायी उपस्थित थे।
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रिपोर्टः मो. वसीम