Famous glimpses of Mahuaon village: पांच सहेलियों की शिल्पकारी ने सरस्वती पूजा की पुरातन संस्कृति से जोड़ा
छोटी छोटी उंगलियों की बड़ी शिल्पकारी चर्चा का विषय
खुद के परिश्रम से बनाया पंडाल, प्रतिमाएं व आकर्षक झांकियां
खबरे आपकी बिहार बिहिया : अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी,आँचल में है दूध और आँखों में पानी – महिलाओ को लेकर कविवर गुप्त जी की उक्त पंक्तियों के भाव को महिलाएं आज हर क्षेत्र में चुनौती देती देखी जा रही है। राजनीति हो,टेक्नोलॉजी हो या फिर सुरक्षा हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी अलग पहचान का लोहा मनवा रही है। बात हो रही है सरस्वती पूजा की।
Famous glimpses of Mahuaon village: छोटी छोटी उंगलियों की बड़ी शिल्पकारी चर्चा का विषय
आज जिस तरह लड़के इस पूजा का आयोजन और तैयारी कर रहे है इसकी चर्चा करना गुनाह है। इसके विपरीत बिहिया प्रखंड के महुआंव गांव की पांच सहेलियों की तैयारी और आयोजन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ। गांव की पांच सहेलियाँ शिवानी,शिल्पी,संजना,साधना और शिखा ने न केवल खुद से माँ सरस्वती की प्रतिमा बनाई है वल्कि पूजा पंडाल में प्राचीन और वर्तमान शिक्षा पर तुलनात्मक झांकियां बनाकर वर्तमान व्यवस्था पर सवाल खड़े किए है।
पूजा पंडाल में एक तरफ प्राचीन गुरुकुल की शिक्षा को दिखलाया गया है जहां पेड़ पौधे,पशु पक्षी,जानवर, तालाव और कुआं के अस्तित्व के बीच पूरी तरह प्रदूषण मुक्त माहौल में ऋषि महर्षि छात्रो को शिक्षा का ज्ञान देते दिख रहे है। तो दूसरी तरफ आधुनिक माहौल की शिक्षा व्यवस्था की झांकियां प्रदर्शित की गयी है जहां बड़े बड़े बिल्डिंग है,फैक्ट्रियां,प्लेन और नलजल और इसी प्रदूषण युक्त माहौल में आधुनिक शिक्षा की रीढ़ कहे जाने वाले कम्प्यूटर के साथ पढ़ाई के दौरान सर पकड़े बच्चे है।
पूजा पंडाल मे प्रदर्शित उक्त झांकियो के निर्माता टीम के सदस्य शिवानी ने पूछने पर बताया कि डिजिटल इंडिया के गावों मे नेटवर्क फेल रहने की वजह से परेशान छात्र सर पकड़े हुए है। इस परेशानी पर सरकार का ध्यान जागृत करने वास्ते लड़कियो द्वारा बनाई गयी कृतियाँ यह साबित करती है कि वो अन्य के मुकाबले ज्यादा क्रिएटिव,बुद्धिमान और मेहनती भी है।