Saturday, November 23, 2024
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शिक्षक नियुक्ति में बिहार के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा आरक्षण का लाभ

Reservation in teacher appointment: प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने साफ किया है कि शिक्षक नियुक्ति में देश के सभी राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। सिर्फ बिहार के स्थायी निवासी को ही मौका देना असंवैधानिक होगा। इसलिए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बिहार के निवासी होने की शर्त हटा दी गई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ (Reservation in teacher appointment) नहीं मिलेगा। आरक्षण सिर्फ बिहार के स्थायी निवासियों को ही मिलेगा।

मुख्य सचिव ने सोमवार को पुराना सचिवालय के सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा की जा रही शिक्षक नियुक्ति में बिहार राज्य के स्थायी निवासी की शर्त हटा दी गई है। इस शर्त को रखना व्यावहारिक और कानूनन संभव भी नहीं है। आर्टिकल 16 में बिल्कुल स्पष्ट है कि राज्य के अधीन किसी नियोजन एवं पद पर जन्म स्थान अथवा निवास स्थान आदि के आधार पर कोई नागरिक अपात्र नहीं होगा। अगर ऐसी कोई प्रक्रिया शुरू होगी तो यह असंवैधानिक भी होगी।

कहा कि बीपीएससी द्वारा पहले भी तीन बार 1994, 1999 और 2000 में शिक्षक नियुक्ति के लिए परीक्षा ली गई थी। उस समय भी यही नियम था कि देश का कोई भी नागरिक परीक्षा में भाग ले सकता है और चयनित हो सकता है। यह नियमावली वर्ष 1991 में ही बनी थी। इसमें भी बिहार का स्थायी निवासी की शर्त नहीं थी।

वर्ष 2012 की नियमावली के आधार पर हुई शिक्षक नियुक्ति में एक लाख 68 हजार पद के विरुद्ध मात्र 3413 ही बिहार के बाहर के चयनित हुए थे। इससे यह बात भी सामने आती है कि दूसरे राज्य के अधिक लोगों के चयन की संभावना कम है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश समेत किसी भी राज्य में ऐसे नियम की जानकारी नहीं मिली है कि उसी राज्य के लोग सिर्फ पात्र होंगे। स्थानीय निवासी होने की शर्त कहीं नहीं है।

मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि दूसरे राज्यों के लोगों को आवेदन का मौका नहीं देने के मामले में दर्जन भर से अधिक रिट न्यायालय में दाखिल कराए गए हैं। झारखंड सरकार डोमिसाइल मामले में सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन वहां हार गई। अब झारखंड में भी नौकरियों में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका है। जिन राज्यों में भी नौकरियों में स्थानीय लोगों को ही सिर्फ मौका देने का प्रावधान था, अब वहां भी बदलाव हो रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार भी उपस्थित थे।

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