Reservation Amendment Bill 2023 passed: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए यहां के भाजपा नेता केंद्र सरकार से कहें। इससे राज्य का विकास और तेज होगा। साथ ही बिहार की तर्ज पर देशभर में जाति आधारित गणना कराकर आरक्षण का दायरा केंद्र बढ़ाए। जरूरत के अनुसार आरक्षण का दायरा और बढ़ाएं तो खुशी की बात होगी।
हाइलाइट
:-- बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पारित हो गया
- आरक्षण के दायरे को 60 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किये जाने पर विधानसभा की मुहर
Reservation Amendment Bill 2023 passed: बिहार में नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में आरक्षण के दायरे को 60 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किये जाने पर विधानसभा की मुहर लग गई। गुरुवार को विधानसभा में सर्वसम्मति से बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) संशोधन विधेयक 2023 तथा बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में) आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पारित हो गया है। इसके अलावा तीन और विधेयक भी पारित किये गए।
विधेयक में कहा गया है कि सीधी रिक्तियों से 35 प्रतिशत और आरक्षित कोटि से 65 प्रतिशत से भरी जाएंगी। आरक्षित कोटि के उम्मीदवार जो अपने गुणागुण के आधार पर चुने जाते हैं, उनकी गणना खुला गुणागुण कोटि की 35 प्रतिशत रिक्तियों के विरुद्ध की जाएगी, ना कि आरक्षण कोटि की रिक्तियों के विरुद्ध। पूर्व से प्रावधानित पिछड़े वर्ग की महिलाओं को विलोपित किया जाएगा।
विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक में कहा गया है कि जाति सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किये गए आंकड़ों के विश्लेषण से यह स्पष्ट है कि अवसर और स्थिति में समानता के संविधान में पोषित लक्ष्य को पूरा करने के लिए पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बड़े हिस्से को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य सरकार की सेवाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के सदस्यों का प्रतिनिधित्व अनुपातिक रूप से कम है। अनुपातिक समानता को प्राप्त करने के लिए उपायों और साधनों को प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। इसी क्रम में आरक्षण का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
विधानसभा की दूसरी पाली में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आरक्षण संबंधी दोनों विधेयकों को पेश किया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शुरू से देश में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। बाद में गरीब सवर्णों को भी दस प्रतिशत आरक्षण दिया गया। बिहार में हुई जाति आधारित गणना के बाद जो बातें में सामने आई, उसके बाद आरक्षण का दायरा हमलोगों ने बढ़ाने का निर्णय लिया। इस पर सभी दलों की भी सहमति मिली है।