Satyam and Nancy: शिवादी क्लासिक सेंटर में भजन प्रस्तुत कर तालियां बटोरी
पिण्ड से ब्रह्मांड तक ध्वनित होता है संगीत- कृष्णा
खबरे आपकी बिहार आरा। संगीत आत्मा और परमात्मा में संवाद स्थापित करता है। संगीत पिण्ड से ब्रह्मांड तक ध्वनित होता है। आरा की संगीत परंपरा आज भी कायम है। उक्त बातें वरिष्ठ संगीत प्रेमी श्री कृष्णाजी ने कहीं। अवसर था महान संगीत प्रेमी बक्शी कुलदीप नारायण सिन्हा की स्मृति में शिवादी क्लासिक सेंटर ऑफ आर्ट एंड म्युजिक के द्वारा तीन दिवसीय आयोजित आरोह-अवरोह संगीत समारोह के द्वितीय संध्या का।
Satyam and Nancy: भजन प्रस्तुत कर तालियां बटोरी
कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ संगीत प्रेमी कृष्णा ने किया। इस कार्यक्रम में नन्हे उस्ताद सत्यम और नैन्सी ने राग यमन व कृष्ण भजन प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। वही युवा तबला वादक सूरजकांत पांडेय ने स्वतंत्र तबला वादन प्रस्तुत कर समां बांधा। वही अजीत कुमार पांडेय ने राग शुद्ध कल्याण में तीन ताल की बंदिश, ठुमरी व दादरा बैरन घर ना जा मोर सैयां प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।
श्रेया पांडेय ने बेगम अख्तर जी की मशहुर ग़ज़ल ” वो जो हममे तुममे करार था, तुम्हे याद हो…. प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। वही युवा कथक नृत्यांगना सोनम कुमारी ने धमार ताल में शुद्ध कथक प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वही प्रो. बीएन राय ने पीलू की ठुमरी अब ना सहूंगी तोरी गारी लाला…. प्रस्तुत कर रंग भरा। संचालन बक्शी विकास एवं धन्यवाद ज्ञापन आदित्या श्रीवास्तव ने किया।