Shahpur Municipal: सावन माह, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। हर वर्ष सावन के महीने के अंतिम सोमवारी को शाहपुर नगर में एक भव्य मेले का आयोजन होता है।
- हाइलाइट : Shahpur Municipal
- राष्ट्रीय त्योहार 15 अगस्त के मौके पर भी सड़कों पर जहां-तहां गंदगी का अंबार लगा रहा
- सावन माह, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, अंतिम सोमवारी को शाहपुर में लगता है मेला
आरा/शाहपुर: शाहपुर नगर पंचायत में ब्लीचिंग पाउडर और चूने का छिड़काव नहीं करने का शायद नगर प्रशासन ने मन बना लिया है। इसकी हकीकत की पड़ताल करने पर पता चला कि नए साल के शुरुआत से ही इसका छिड़काव बंद है। राष्ट्रीय त्योहार 15 अगस्त के मौके पर भी सड़कों पर जहां-तहां गंदगी का अंबार लगा रहा। लेकिन जिसके जिम्मे शहर की सफाई व्यवस्था है, वही उदासीन बना हुआ है। मेन रोड, मुख्य बाजार हर ओर गंदगी फैली है। सिर्फ सड़क से ही नहीं, बल्कि लोगों के घरों से भी कचरा नहीं उठ रहा है। और ना ही ब्लीचिंग पाउडर और चूने का छिड़काव किया जा रहा है।
Shahpur Municipal: एंटी लार्वा व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं
बारिश के कारण जलजमाव वाले इलाकों के अलावा नालों में जमा गंदे पानी के कारण डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियां फैल सकती हैं। स्वास्थ्य की सुरक्षा और सामुदायिक कल्याण के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत सभी 11 वार्डों की आम जनता को संक्रामक बीमारियों से बचाया जाए। प्रायः देखा गया है कि मच्छरों और अन्य कीटों के लार्वा का प्रजनन जल स्रोतों में होता है। एंटी लार्वा और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव इस प्रजनन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जब एंटी लार्वा का छिड़काव नियमित रूप से नहीं किया जाता है, तो मच्छरों के लार्वा का विकास तेजी से होता है, जिससे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है। इसको देखते हुए नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत सभी 11 वार्डों में रोस्टर के अनुसार एंटी लार्वा के अलावा ब्लीचिंग पाउडर व चूने का छिड़काव किया जाना जरूरी है। नगर पंचायत शाहपुर के द्वारा एंटी लार्वा व ब्लीचिंग पाउडर का नियमित छिड़काव न करना नगर पंचायत के आम जनता के स्वास्थ्य के लिए गंभीर परिणाम उत्पन्न कर सकता है।
सावन की अंतिम सोमवारी को शाहपुर नगर में लगता है मेला
सावन माह, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। हर वर्ष सावन के महीने के अंतिम सोमवारी को शाहपुर में एक भव्य मेले का आयोजन होता है। शाहपुर का मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विविधता का भी प्रदर्शन करता है। इस मेले में दूर-दूर से लोग शिरकत करने आते हैं। मेला स्थानीय हस्तशिल्प, खाद्य पदार्थों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों से भी समृद्ध होता है। मेले के दौरान, लोग धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ मस्ती और आनंद का भी अनुभव करते हैं।
पवित्र सावन माह के अंतिम सोमवार में लगने वाला शाहपुर नगर का मेला केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं है, बल्कि यह विश्वास, संस्कृति और समुदाय के संगम का प्रतीक है। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जुटान होता है। इसके बावजूद सफाई व्यवस्था की उदासीनता एक बड़ी लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता है।