Pipa Pul – Bhojpur : भोजपुर जिले के गंगा नदी पार इकलौती पंचायत ख्वासपुर मुश्किल से मात्र पांच से छह माह ही सड़क मार्ग से जुड़ी रहती है। बाकी के दिनों में इस पंचायत के लोगों को इस जिले में आने-जाने के लिए नाव ही सहारा है।
- हाइलाइट : Pipa Pul – Bhojpur
- पीपा पुल खुल जाने से यूपी व सारण जाने के लिए नाव ही सहारा
- ख्वासपुर पंचायत पांच से छह माह ही सड़क मार्ग से रहता है जुड़ा
आरा: गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर और आने वाले दिनों में तेज उफान के मद्देनजर भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड में बिहार और यूपी को जोड़ने वाला महुली घाट पर स्थित सिताब दियारा-महुली घाट पीपा पुल आज गुरुवार को खोल दिया जाएगा। इसके साथ ही अब यहां आवागमन सिर्फ नावों के सहारे हो सकेगा। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता रामबिलास यादव ने यह जानकारी दी। बताया कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के आदेश के बाद गुरुवार से पुल को संवेदक के कर्मचारियों की ओर से खोलने का कार्य शुरू हो जायेगा ।
पीपा पुल खुल जाने से यूपी व सारण जाने के लिए नाव ही सहारा
भोजपुर के बड़हरा प्रखंड के महुली घाट स्थित यूपी के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र से जोड़ने वाले सिताब दियारा-महुली घाट पीपा पुल खोल दिये जाने पर इन क्षेत्रों में आने-जाने वाले राहगीरों की परेशानी बढ़ जायेंगी। यूपी के बलिया, रानीगंज व बैरिया आदि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में बाइक व पैदल जाने वाले राहगीरों के लिए अब सिर्फ नावें ही सहारा हैं। ऐसे में लोग जान जोखिम में डाल नाव से गंगा पार करने को मजबूर होंगे। इन यात्रियों को नावों पर अपनी बाइक तक लादकर गंगा पार कर इन क्षेत्र के गंतव्य स्थानों पर जाना पड़ता है।
सड़क मार्ग से संपर्क भंग हो जाता है – नाव ही सहारा
सिन्हा ओपी क्षेत्र के महुली घाट स्थित पीपा पुल खुल जाने से भोजपुर के गंगा पार बसी ख्वासपुर पंचायत कि आबादी इससे काफी प्रभावित हो जाती है। पीपा पुल खुल जाने से इस पंचायत का प्रखंड व जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग से संपर्क पूरी तरह से भंग हो जाता है। ख्वासपुर पंचायत के लोगों को जिला व प्रखंड मुख्यालय में आने व छात्र-छात्राओं को कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों में पठन-पाठन करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है।
ख्वासपुर पंचायत पांच से छह माह ही सड़क मार्ग से रहता है जुड़ा
भोजपुर की गंगा पार इकलौती पंचायत ख्वासपुर मुश्किल से मात्र पांच से छह माह ही सड़क मार्ग से जुड़ी रहती है। बाकी के दिनों में इस पंचायत के लोगों को इस जिले में आने-जाने के लिए नाव ही सहारा है। यह पंचायत दिसंबर माह से लेकर जून के अंतिम सप्ताह तक पीपा पुल के रास्ते सड़क मार्ग से जुड़ी रहती है।