Bhojpur surveillance team द्वारा अब तक किए गए 184 मोबाइल बरामद
पुलिस कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर एसपी ने सभी धारकों को सौंपा मोबाइल
एसपी की गठित टीम ने अबतक बरामद की चोरी व छीने गये 184 मोबाइल
खबरे आपकी बिहार आरा। भोजपुर जिले में आम पब्लिक के गायब मोबाइल बरामदगी करने में जुटी पुलिस को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। इस बार पुलिस ने गायब 50 मोबाइल ढूंढ निकाला है। सोमवार को पुलिस कार्यालय में एसपी विनय तिवारी द्वारा मोबाइल सभी उसके धारकों को सौंप दिया गया। अबतक पुलिस द्वारा चार फेज में गायब 184 मोबाइल की बरामद की जा चुकी है। इससे पहले बीते 31 दिसंबर को भी पुलिस ने 40 लोगों के गायब मोबाइल खोज कर लौटाया था। नये साल में मोबाइल बरामदगी अभियान का पांचवा फेज शुरू किया गया है।
Bhojpur surveillance team द्वारा वैज्ञानिक और तकनीकी तरीके से की जाती है मोबाइल की खोज
बता दें कि लूट, चोरी, छिनतई और गायब हुये मोबाइल की बरामदगी को लेकर एसपी द्वारा टीम गठित की गयी है। पिछले साल अगस्त माह से ही टीम इस पर काम कर रही है। टीम थानों में दर्ज मोबाइल संबंधी घटना की जानकारी एकत्रित करती है और मोबाइल की बरामदगी में जुट जाती है। एसपी ने बताया कि वैज्ञानिक और तकनीकी तरीके से मोबाइल को खोज की जाती है। इस क्रम में टीम द्वारा अबतक अलग-अलग क्षेत्रों से 184 से मोबाइल बरामद किये जा चुके हैं।
भोजपुर एसपी ने कहा कि मोबाइल चोरी की बढ़ रही घटनाओं को देखते हुये बरामदगी को ले नगर थानाध्यक्ष की एक टीम गठित की गयी है। बरामद मोबाइल के स्वामित्व का सत्यापन करने के बाद धारकों को सौंप दिया जाता है। उन्होंने आम पब्लिक से मोबाइल की चोरी या गुम हो जाने पर संबंधित थाने को सूचना देने की अपील की है।
एसपी ने कहा कि थाने में मामला अवश्य दर्ज करायें, ताकि मोबाइल बरामद किये जा सके। इधर, काफी दिन पहले चोरी गया मोबाइल मिलने से लोगों के चेहरे खुशी से चहक उठे। मोबाइल मिलने के बाद सभी ने पुलिस को धन्यवाद दिया।
सब इंस्पेक्टर दीपक कुमार बनाये गये खवासपुर ओपी इंचार्ज
भोजपुर जिले के खवासपुर ओपी में नये ओपी इंचार्ज की तैनाती कर दी गयी। दारोगा दीपक कुमार को नया ओपी प्रभारी बनाया गया। एसपी विनय तिवारी द्वारा इसे लेकर सोमवार को आदेश जारी कर दिया। बताते चलें कि क्राइम कंट्रोल करने, अपराधियों की धरपकड़ और केस डिस्पोजल में लापरवाही बरतने में ओपी इंचार्ज को करीब एक माह पहले सस्पेंड कर दिया गया था। तब से ओपी प्रभारी इंचार्ज के सहारे चल रहा था।