Bhojpuri culture आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए मंगलवार को वीर कुंवर सिंह स्टेडियम होगी बैठक
खबरे आपकी आरा। Bhojpuri culture-पारंपरिक लोककलाएं हमारे जीवन में जीवन्तता लाती हैं।समय के साथ इसे और परिपक्व करना हमसबों का दायित्व है। उपरोक्त बातें सामाजिक कार्यकर्ता और भोजपुर जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष राममूर्ति प्रसाद ने भोजपुरी चित्रकला को सम्मानसहित स्थान दिलाने के भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा विगत बीस दिनों से चलाये जा रहे सांस्कृतिक आंदोलन को समर्थन देते हुए कही।
भोजपुर जिला फुटबॉल संघ के सचिव रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि खेल और कला एक सिक्के के दो पहलू हैं। हमलोग इस आंदोलन का साथ तन, मन और धन से देंगे। मोर्चा के संयोजक भास्कर मिश्र ने कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों की उदासीनता दुखदायी है। उन्हें केवल भोजपुर की जनता के वोट से मतलब है, हित से नहीं। उपसंयोजक विजय मेहता ने कहा कि यह संघर्ष समस्त भोजपुरिया भाषी लोगों का है, न कि केवल चित्राकारों और कलाकारों का। कोषाध्यक्ष कमलेश कुंदन ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अनुरोध से या लड़कर अपना हक प्राप्त करें।
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चित्रकार रौशन राय ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाना, भोजपुरिया संस्कृति Bhojpuri culture का अपमान और इसकी महत्ता को कम कर आंकना है। आल इंडिया थियेटर कॉउन्सिल के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मानव ने कहा कि हमारे आंदोलन में शामिल होने आए जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं से विनम्र निवेदन है कि वे स्वार्थ की राजनीति से उठकर हमारे लिए खुल कर आगे आये।
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रंगकर्मी और पत्रकार रवींद्र भारती ने कहा कि अत्यंत शालीनता के साथ किये जा रहे इस आंदोलन को पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन द्वारा हल्के में लिया जा रहा है। कहीं यह तिल जल्द ही ताड़ में न बदल जाये। पत्रकार श्याम नंदन कुमार ने कहा कि भोजपुरी चित्रकला को बहुत पहले ही यथोचित सम्मान के साथ विभिन्न पटलों पर स्थान मिल जाना चाहिए था।
संचालन रंगकर्मी कृष्णेन्दु ने करते हुए कहा कि भोजपुरी चित्रकला को राष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित करने के लिए और इस आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए आगामी मंगलवार को वीर कुँवर सिंह स्टेडियम में जिले के रंगकर्मियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, विभिन्न राजनीतिक एवं खेल संगठनों आदि की आपात बैठक आयोजित करने का निर्णय भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा के सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया है।
कलाकार रतन देवा, किशन सिंह, चैतन्य निर्भय, मनोज कुमार सिंह आदि ने जन गीतों एवं पारंपरिक गीतों के माध्यम से मोर्चा के आंदोलन में अपनी सक्रिय सहभागिता निभाई। मोर्चा के कलाकारों द्वारा नारा लेखन और स्थिर प्रदर्शन भी किया गया।
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कार्यक्रम के अंत में भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा की सक्रिय सदस्या और चित्रकार प्रशंसा पटेल की दादी कमला देवी एवं फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।
इस मौके पर रंगकर्मी संजय कुमार पॉल, मनोज़ श्रीवास्तव, डॉ पंकज भट्ट, वर्षा खान, डेजी खान, संजीव सुमन, साधना श्रीवास्तव, शालिनी श्रीवास्तव, संजय सिंह, श्याम शर्मिला, अजय श्री, मनोज कुमार, रौशन कुमार, मौलिक कुमार, पंकज कुमार आदि ने कार्यक्रमों के सफल आयोजन में सराहनीय योगदान दिया।