first Chief Minister of Bihar:श्री बाबू बिहार की राजनीति में एक ऐसे सीएम थे, कहा जाता है कि चुनाव के दौरान अपने लिए वोट मांगने नहीं जाते थे। बिहार केसरी के नाम से मशहूर श्रीबाबू का पूरा नाम श्री कृष्ण सिंह था।
- हाइलाइट :-
- बिहार के नवादा जिले स्थित खनवां गांव में श्री बाबू का जन्म हुआ था
- बिहार केशरी से प्रसिद्ध श्रीबाबू 1961 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे
- बिहार की राजनीति का ऐसा सीएम जो अपने लिए वोट मांगने नहीं गया
first Chief Minister of Bihar: बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री एवं बिहार केसरी डॉ. श्री कृष्ण सिंह की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में राज्यपाल विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री नितीश कुमार, उपमुख्यमत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
बता दें की बिहार के नवादा जिले स्थित खनवां गांव में श्री बाबू का जन्म हुआ था। वह 1961 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बिहार में औद्योगिक क्रांति के लिए आज भी लोग श्री बाबू को याद करते हैं। श्रीबाबू को आधुनिक बिहार का शिल्पकार भी कहा जाता है। उन्हें करीब से जानने वाले लोग कहते हैं कि श्रीबाबू उसूलों से कभी कोई समझौता नहीं करते थे।
श्री बाबू बिहार की राजनीति में एक ऐसे सीएम थे , कहा जाता है कि चुनाव के दौरान श्री बाबू अपने लिए वोट मांगने नहीं जाते थे। बिहार केसरी के नाम से मशहूर श्रीबाबू का पूरा नाम श्री कृष्ण सिंह था।
बात 1957 की है शेखपुरा जिले के बरबीघा से श्रीबाबू चुनाव लड़ रहे थे, उनके सहयोगी लोग एक्टिव थे। इस दौरान उन्होंने अपने सहयोगियों से साफ कह दिया था कि इस चुनाव में वह जनता से वोट मांगने नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा था कि अगर मैंने काम किया होगा, या जनता मुझे इस लायक समझेगी, तो मुझे वोट देगी। अगर मुझे उस लायक नहीं समझेगी, तो वोट नहीं देगी।