Visheshwar Ojha case: भोजपुर सहित सूबे के बहुचर्चित भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड में आठ साल बाद आरा सिविल कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।
- हाइलाइट :- Visheshwar Ojha case आठ साल बाद आरा सिविल कोर्ट का फैसला
- भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड में हरेश और ब्रजेश मिश्रा समेत सात अभियुक्त दोषी
- हरेश और ब्रजेश मिश्रा को हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट में कोर्ट ने पाया दोषी
- पांच आरोपित हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट में दोषी, 16 अप्रैल को होगा सजा का एलान
- 12 फरवरी 2016 की शाम बारात से लौटते समय करनामेपुर के सोनवर्षा के समीप गोली मार की गयी थी हत्या
- फैसले को लेकर सख्त की गयी थी कोर्ट की सुरक्षा, एएसपी के नेतृत्व में तैनात थी पुलिस
आरा। भोजपुर सहित सूबे के बहुचर्चित भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड में आठ साल बाद आरा सिविल कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। गवाह और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने हत्याकांड के मुख्य आरोपित हरेश मिश्रा, उसके भाई ब्रजेश मिश्रा सहित सात आरोपितों को दोषी पाया है। इनमें हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा को हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स जबकि अन्य पांच को हत्या के प्रयास एवं आर्म्स एक्ट में दोषी पाया गया है। हालांकि पुलिस की जांच में आरोपित बनाये गये अन्य छह को कोर्ट ने रिहा कर दिया है।
अपर जिला और सत्र न्यायाधीश आठ नीरज किशोर की ओर मंगलवार से यह फैसला सुनाया गया। इस मामले में अब कोर्ट की ओर से 16 अप्रैल को सजा की बिंदु पर सुनवाई की जायेगी। हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा करनामेपुर ओपी क्षेत्र के सोनवर्षा गांव निवासी शिवाजीत मिश्रा के बेटे हैं। अन्य दोषी सिद्ध आरोपितों में सोनवर्षा गांव के ही उमाकांत मिश्रा, बसंत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, ईश्वरपुरा गांव निवासी पप्पू सिंह और हरेंद्र सिंह उर्फ बुआ सिंह शामिल हैं। पीपी नागेश्वर दूबे और अपर लोक अभियोजक माणिक कुमार सिंह की ओर से यह जानकारी दी गई।
इधर, बहुचर्चित भाजपा नेता हत्याकांड में फैसले को लेकर कोर्ट में काफी गहमागहमी बनी थी। दोनों पक्षों के लोग भी पहुंचे थे। उसे देखते हुए आरा कोर्ट की सुरक्षा काफी सख्त कर दी गई थी। एएसपी परिचय कुमार और नगर थानाध्यक्ष देवराज राय के नेतृत्व में पुलिस टीम कोर्ट में मौजूद थी। कोर्ट गेट पर चेकिंग भी काफी सख्त कर दी गई थी। सुरक्षा को लेकर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी।
एपीपी माणिक कुमार सिंह ने बताया कि हत्याकांड को लेकर हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा सहित सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। कुछ अज्ञात भी आरोपित किये गये थे। पुलिस की अनुसंधान में भी छह लोगों का नाम केस में आया था। हालांकि ट्रायल के दौरान गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट की ओर केस में नामजद आरोपितों को दोषी पाया है। उनमें हरेश मिश्रा और ब्रजेश मिश्रा को हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स जबकि अन्य पांच को हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट में दोषी पाया गया है। इस मामले में 16 अप्रैल को सजा के बिंदु पर सुनवाई होगी।
बता दें कि 12 फरवरी की शाम शादी समारोह से लौटते समय भाजपा नेता विशेश्वर ओझा को गोलियों से भून डाला गया था। अंधाधुंध की गयी फायरिंग में भाजपा नेता के साथ रहे दो अन्य लोगों को भी गोली लगी थी। इलाज के बाद दोनों की जान बच गयी थी।