Dumraon MLA: डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुशवाहा आज शिवजी यादव से मिले। ये वहीं शिवजी यादव हैं जिन्हें डुमरांव एस. डी. एम ने सरेआम थप्पड़ मारा था।
- हाइलाइट: Dumraon MLA
- विधायक ने कहा: सार्वजनिक तौर पर इस घटना का खेद व्यक्त करें डुमरांव एसडीएम
बक्सर: डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुशवाहा आज मंगलवार को शिवजी यादव से मिले। ये वहीं शिवजी यादव हैं जिन्हें डुमरांव एस. डी. एम ने सरेआम थप्पड़ मारा था। उनके थप्पड़ का वीडियो सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से वायरल है। शिवजी यादव पुराना भोजपुर के रहने वाले है। विधायक को उन्होंने बताया कि वो जो ट्रक चलाते हैं उनके मालिक का नियाजीपुर में गिट्टी बालू का दुकान है। इसलिए वो ट्रक लेकर उन्हीं के पास जा रहे थे। आम तौर पर वो इस रास्ते से ही ट्रक लेकर जाते आते है।
जिस दिन यह थप्पड़बाजी की घटना घटित हुई उस दिन जिला के सभी बड़े साहब उस रास्ते से गुजर रहे थे। डीएम साहब द्वारा गाड़ी का कागज मांगा गया। कागज देने में थोड़ी सी देर हुई जिसके वजह से एस.डी.एम साहब को आवश्यकता से अधिक गुस्सा आ गया और उन्होंने ड्राइवर के ऊपर थप्पड़ जड़ दिया। इतना ही नहीं गाड़ी जब्त कर ली गई और अभी भी गाड़ी थाने में जब्त हैं। ये बातें शिवजी यादव द्वारा बताई गई।
डुमरांव विधायक ने कहा की ड्राइवर शिवजी यादव ने यह भी बताया कि उनकी गाड़ी सड़क के किनारे खड़ी थी। गाड़ी का चालन भी था और गाड़ी अंडरलोड थी। इसके बावजूद उन्हें थप्पड़ मारा गया और गाड़ी जब्त कर ली गई ।
वहां पर मौजूद गाड़ी के मालिक ने कहा कि उनकी गाड़ी किस्त पर है। हर महीने किस्ती जमा करना है। गाड़ी तीन दिनों से थाने में बंद है। यदि गाड़ी नहीं चलेगी तो किस्ती भरना भी मुश्किल हो जाएगा। मैने तुरत एस. डी. एम डुमरांव और डी. एम बक्सर से इनकी गाड़ी को रिहा करने को कहा ।
विधायक डॉ. अजित कुशवाहा ने कहा की चाहे कितने भी बड़े अधिकारी हों उन्हें किसी भी व्यक्ति पर थप्पड़ चलाने का कानूनन अधिकार नहीं है। यदि कोई व्यक्ति दोषी है तो आप उसे कानून सम्मत सजा दिलवा सकते हैं। यदि अधिकारी ही इस प्रकार से कानून अपने हाथ में लेने लगेंगे तो फिर कानून का क्या होगा? ऐसे तो फिर कानून का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा । जिनको कानून की रक्षा करने का शपथ दिलाया गया है उनसे इस प्रकार सरेआम कानून के उल्लंघन की उम्मीद नहीं की जा सकती है ।
विधायक ने कहा की निश्चित तौर पर डुमरांव एस. डी. एम द्वारा थप्पड़ मारने की इस घटना ने समाज को बहुत व्यथित किया है और हर जगह इसकी निंदा की जा रही है। उनके इस कृत्य को किसी भी प्रकार से जायज नहीं ठहराया जा सकता है। अतः कानून और समाज के हित में बेहतर यही होगा कि एस. डी. एम साहब सार्वजनिक तौर पर इस घटना पर खेद व्यक्त करें।
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