fire on shahpur-karnamepur road: कृषि वैज्ञानिक डा. पी. के. द्विवेदी के अनुसार झुरमुटों का जलाया जाना हर एंगिल से खतरनाक हैं। क्योंकि इसे पेड़ों के जीवन चक्र पर असर पड़ता है, जो पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन पर भी प्रतिकूल असर डालता है।
- सड़क किनारे आग से झाड़ियों साफ करने में छोटे पौधों का जीवन चक्र हो रहा समाप्त
- सड़क के किनारों से झाड़ियों को हटाने के लिए रात में लगा दिया जाता है आग
Bihar/Ara/Shahpur: भोजपुर जिला के शाहपुर प्रखंड क्षेत्र के सड़कों के किनारे के झाड़ियों को आग लगाकर साफ करने से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है। वही आग से सड़कों के किनारों के सैकड़ो छोटे-छोटे हरे भरे पेड़-पौधे आग में जलकर नष्ट हो रहे हैं। इसके साथ ही आग की वजह से बड़े-बड़े पेड़ भी बुरी तरह से झुलस गए हैं। ऐसे पेड़ो की अस्तित्व पर ही खतरा बना हुआ है।
शाहपुर-कारनामेपुर पथ पर यह नजारा देखने को मिल रहा है। खासकर रात के समय ही सड़को के किनारों पर झुरमुट व झाड़ियों में आग लगा दिया जाता है। स्थानीय लोगो के अनुसार शायद उक्त सड़क के किनारों पर लगे झाड़ियों को साफ करने के लेकर किसी संवेदक को इसकी ठेकेदारी दी है। घास या फिर झुरमुटों को साफ करते हुए तो कोई नही दिखता है। लेकिन आग लगाकर शाहपुर से कारनामेपुर तक साफ करने की बात स्पष्ट दिखाई दे रही है।
fire on shahpur-karnamepur road: शाहपुर से कारनामेपुर तक पथ की दूरी करीब 12 किलोमीटर है। उक्त सड़क के दोनों किनारों पर हजारो की संख्या में पिछले दस वर्षो में मनरेगा से पेड़ लगाए गए हैं। जिसके कारण सड़क का दोनो किनारे काफी हरे-भरे हुए है। लेकिन इसके साथ ही झुरमुटों व छोटे-छोटे पेड़ पौधे भी बहुतायत में है। आग लगाकर साफ करने के अवशेष स्पष्ट दिख रहा है।। इन झुरमुटों व छोटे पेड़ो के कारण ही इस सड़क के किनारो को काफी मजबूती मिलती हैं। बाढ़ के दौरान पानी का तेज बहाव होने कारण भी उक्त सड़क पर बाढ़ प्रभाव ज्यादा नही पड़ता।
कृषि वैज्ञानिक डा. पी. के. द्विवेदी के अनुसार झुरमुटों का जलाया जाना हर एंगिल से खतरनाक हैं। क्योंकि इसे पेड़ों के जीवन चक्र पर असर पड़ता है, जो पर्यावरण के साथ-साथ मानव जीवन पर भी प्रतिकूल असर डालता है। इसलिए छोटे पेड़ों को सहेजने की जरूरत है। ताकि पेड़ों के जीवन चक्र के साथ-साथ मानव का जीवन चक्र भी चलता रहे।झाड़ियों को कटिंग कर हटाये ना कि आग लगाकर।