Garbage Dump Bihiya: बिहिया नगर सरकार भवन के पास स्थित कचरा प्रसंस्करण इकाई के बाहर डंप किए गए कचरे से उठने वाली दुर्गंध से स्थानीय लोग परेशान हैं।
- हाइलाइट: Garbage Dump Bihiya
- नगर उपाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता ने पारदर्शिता की कमी पर चिंता व्यक्त की है
बिहिया,आरा। नगर सरकार भवन, बिहिया के समीप स्थित कचड़ा प्रसंस्करण इकाई के मुख्य द्वार पर कचरा डंप किए जाने से उत्पन्न दुर्गंध ने स्थानीय निवासियों के जीवन को दूभर कर दिया है। न केवल आवासित क्षेत्र, अपितु मनरेगा कार्यालय और प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय जानेवाले कर्मियों को भी इस असहनीय गंध का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को व्यक्त करते हुए नगर पंचायत कार्यालय में स्वच्छता पदाधिकारी को कचरा हटाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। नागरिकों ने इस विषय पर अपनी निराशा व्यक्त की। प्रत्युत्तर में, स्वच्छता पदाधिकारी अभिषेक राज ने अपनी सीमित भूमिका का उल्लेख किया।
यह उल्लेखनीय है कि बिहिया नपं में कचरा डंप करने के लिए कोई निर्दिष्ट स्थान उपलब्ध नहीं है, तथापि नगर की सफाई के नाम पर प्रतिमाह 24 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाली जाती है। कथित रूप से, इस राशि का एक महत्वपूर्ण भाग, लगभग आठ लाख रुपये, कचड़ा प्रसंस्करण इकाई के रखरखाव पर व्यय किया जाता है।
कचरे से जैविक खाद बनाने का दावा किया जाता है, परन्तु इसकी बिक्री और राजस्व से संबंधित जानकारी अप्राप्य है। नगर उपाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता ने पारदर्शिता की कमी पर चिंता व्यक्त की है। वर्तमान में, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के अवकाश पर होने के कारण प्रशासनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
Garbage Dump Bihiya – बिहिया नपं में कचरा डंप
कचरा डंपिंग की समस्या: कचरा प्रसंस्करण इकाई के मुख्य गेट पर ही कचरा डंप किया जा रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्र में दुर्गंध फैल रही है। इससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने का डर है।
सफाई ठेके में पारदर्शिता की कमी: नगर की सफाई के लिए हर महीने 24 लाख रुपये से ज़्यादा खर्च किए जाते हैं, फिर भी कचरे के डंपिंग की उचित व्यवस्था नहीं है। यह ठेका कई सालों से एक ही एजेंसी को दिया जा रहा है।
अधिकारियों की निष्क्रियता: स्वच्छता पदाधिकारी अभिषेक राज ने खुद को केवल ‘नाममात्र का’ अधिकारी बताया, जिससे पता चलता है कि वे इस समस्या को हल करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी लंबे समय से छुट्टी पर हैं, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है।
कचरा प्रसंस्करण इकाई पर सवाल: यह दावा किया जाता है कि इकाई में कचरे से जैविक खाद बनाई जाती है, लेकिन इसके उत्पादन और बिक्री से होने वाली आय के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती है। नगर उपाध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता ने भी बताया कि नगर पंचायत के कामकाज की जानकारी केवल कुछ ही लोगों तक सीमित है।



