Friday, March 29, 2024
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रेगिस्तानी टिडडी कीट के प्रकोप के मद्वेनजर जिले में हाई अलर्ट

जिला प्रशासन ने एडवाईजरी एवं नियंत्रण के लिएजारी किए गये निर्देश

कीट के त्वरित नियंत्रण/प्रबंधन हेतु कृषि विभाग द्वारा जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर तक समितियों का किया गया गठन

ग्राम स्तर पर 10-10 किसानो को एक ग्राम टिड्डी रक्षा दल का किया जाएगा गठन

टिड्डी दल से बचाव हेतु कृषि रक्षा रसायनो की स्प्रेयर्स एवं ट्रैक्टर्स आदि की हो रही व्यवस्था

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आरा। रेगिस्तानी टिडडी कीट का प्रकोप राजस्थान के बाद देश के अन्य भागो विशेषकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में फैलता जा रहा है। टिड्डी दल सामूहिक रूप से लाखों की संख्या में झुंड/समूह बनाकर उड़ते हुए किसी खेत, चारागाह, बाग-बगीचे तथा रिहायसी इलाके में एक साथ आक्रमण करते है और एक रात में हजारों एकड में लगे फसलों, पेड़-पौधे एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाता है।

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

टिड्डी दल किसानों का सबसे प्राचीन शत्रु है। ये मध्यम से बड़े आकार के टिड्डे होते है। जब ये अकेले होते है और साधारण टिड्डी की तरह व्यवहार करते है, तब उन्हे एकाकी अवस्था में जाना जाता है। भीड़-भाड की सामूहिक स्थितियों में ये टिड्डी समूह बनाकर रहते है और चीर स्थायी तथा संबद्ध वयस्क टिड्डियों कर झुंड बनाते है। यह तब होता है, जब वह यूथचारी (वयस्क) के रूप में रहते हुए समूहशीलता या सामूहिक जीवन की अवस्था में पाये जाते है। इसी अवस्था में वे फसलों और अन्य पेड़-पौधों एवं वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचाता है।

इसके आक्रमण की भयावहता को देखते हुए इस कीट के त्वरित नियंत्रण हेतु जिले में हाई अलर्ट करते हुए एडवाईजरी एवं नियंत्रण के निर्देश जारी किए गये है इस कीट के त्वरित नियंत्रण/प्रबंधन हेतु कृषि विभाग द्वारा जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर तक समितियों का गठन करते हुए दायित्व निर्धारित किया गया है। इसी क्रम में 30 मई को जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखंड स्तर पर प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता मे एवं पंचायत स्तर पर मुखिया की अध्यक्षता में गठित समितियों की बैठक आयोजित की गई।

गांव-गांव में कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकारो के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करते हुए कृषको को प्रशिक्षित किया गया एवं इस किट से बचाव के उपाय बताए गए। जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि पंचायत स्तर तक इसका नियमित पर्यवेक्षण किया जाय एवं जागरूकता कार्यक्रम के तहत मॉक ड्रील कराया जाय। कृषि वैज्ञानिकों से सुझाव प्राप्त कर रोक-थाम हेतु आवश्यक पम्पलेट वितरण कराया जाय। ग्राम स्तर पर इसके लिए 10-10 किसानो को एक ग्राम टिड्डी रक्षा दल का गठन किया जाय, साथ ही जिला स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर नियमित रूप से कृषको को सुझाव देना सुनिश्चित किया जाय।

टिड्डियों से बचाव हेतु अग्निशमन विभाग की भूमिका अधिक उपयोगी सिद्ध होगी। इसके लिए स्टैण्डबाई में अग्निशमन विभाग की गाडियाँ तैयार रखी जाय/ट्रैक्टर माउण्डेड स्प्रेयर्स एवं अन्य गाडियो की व्यवस्था रखी जाय। जिला पदाधिकारी द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि प्रभावित क्षेत्रो के लिए टिड्डी दल से बचाव हेतु कृषि रक्षा रसायनो की स्प्रेयर्स एवं ट्रैक्टर्स आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे।

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KRISHNA KUMAR
KRISHNA KUMAR
Journalist
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