Kapildev Singh Masad: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के आगरा बॉर्डर आउट पोस्ट पर तैनात भोजपुर के लाल अपिलदेव सिंह तस्करों से लोहा लेते हुए शहीद हो गये।
- हाइलाइट: Kapildev Singh Masad
- तस्करो से लोहा लेते हुए भोजपुर के लाल कपिलदेव सिंह शहीद
- पैतृक गांव मसाढ़ में अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
- बीएसएफ के इंस्पेक्टर कपिलदेव सिंह को अंतिम विदाई
- “जब तक सूरज चांद रहेगा, कपिलदेव सिंह तेरा नाम रहेगा” के नारों से गूंज उठा गांव
आरा। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के आगरा बॉर्डर आउट पोस्ट पर तैनात भोजपुर के लाल कपिलदेव सिंह तस्करों से लोहा लेते हुए शहीद हो गये। सोमवार को उनका शव पैतृक गांव गजराजगंज ओपी के मसाढ़ गांव पहुंचा। जहां अंतिम दर्शन को लोगो का जन सैलाब उमड पडा। जैसे ही एंबुलेंस गांव में दाखिल हुई, हर ओर से “कपिलदेव सिंह अमर रहें”, “जब तक सूरज चांद रहेगा, कपिलदेव सिंह तेरा नाम रहेगा” के नारे गूंजने लगे।
महिलाएं, बुजुर्ग और युवा सभी की आंखें नम थीं, लेकिन सीना गर्व से चौड़ा था। वही शव के घर आते ही चीत्कार मच गया। पत्नी-बेटी रो-रोकर बेसुध होने लगी। बेटी एक ही रट लगाए हुए थी कि “अब हम पापा केकरा के कहम”। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जनप्रतिनिधियों, पुलिस प्रशासन और बीएसएफ के जवानों का हुजूम लग गया। संदेश विधानसभा के विधायक किरण देवी के पुत्र दीपू राणावत, एमएलसी राधा चरण साह, मुखिया प्रिया सिंह, प्रतिनिधि राकेश सिंह समेत कई लोग पहुंचकर शहीद के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और परिजनों को सांत्वना दी।
बता दें कि शहीद जवान उदवंतनगर प्रखंड के मसाढ़ गांव निवासी शिव पूजन सिंह के 58 वर्षीय कपिलदेव सिंह थे। वे 31 अक्टुबर 1984 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। 8 जनवरी 1985 को पंजी पाड़ा में कांस्टेबल पद पर ज्वाइन किए। उनकी शादी सुनीता देवी से हुई है। उन्हें एक बेटी कंचन सिंह एवं एक बेटा रितिक रौशन है। बेटा स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। कपिलदेव सिंह दो साल पहले 88 बटालियन मालदा में ज्वाइन किए थे। छह माह पूर्व इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन हुआ था। वर्तमान में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के नारायणपुर कैंप में इंस्पेक्टर पद पर पदस्थापित थे।
इधर, शहीद जवान के दामाद लव कुमार सिंह ने बताया कि वो हर रोज की तरह शुक्रवार को भी ड्यूटी के लिए आगरा बोर्डर आउट पोस्ट पर कंपनी कमांडेंट के तौर एम्बुश लगाकर ड्यूटी पर तैनात थे। इसी बीच तस्कर बॉर्डर क्रॉस करने की कोशिश कर रहा था। कपिलदेव सिंह के द्वारा तस्कर को पीछे हटने की बात बोली गई, लेकिन तस्कर उनकी एक बात भी नहीं मानी और बोर्डर पार करने लगे। तभी कपिलदेव सिंह के द्वारा एक राउंड फायरिंग की गई।
उसके बाद तस्कर को पकड़ने के लिए खुद दौड़ पड़े। कुछ दूर आगे दौड़ने के बाद जमीन पर गिर पड़े और अस्पताल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई। दामाद ने कहा कि पार्थिक शरीर लाने के बिहार में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। पटना में चार घंटे जाम में फंसे रहे, उधर पूर्णिया चार घंटे से ज्यादा समय तक शव फंसा रहा। बीएसएफ के जवानों ने खुद जाम को हटवाया



