Maha Yagya: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में, जीयर स्वामी के सानिध्य में आयोजित श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ, शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार और विधिपूर्वक हवन-पूजन के साथ संपन्न हुआ।
- हाइलाइट्स:Maha Yagya
- मानव जीवन में धर्म का क्या महत्व है?
- धर्म क्या है और परम् धर्म क्या है?
Maha Yagya आरा/शाहपुर: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में, जीयर स्वामी के सानिध्य में आयोजित श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ, शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार और विधिपूर्वक हवन-पूजन के साथ संपन्न हुआ। इस धार्मिक अनुष्ठान से क्षेत्र में भक्ति और श्रद्धा का एक अद्भुत वातावरण के साथ लोगों में काफी उत्साह देखा गया। यज्ञमंडप की परिक्रमा करने के लिए उत्सुक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रातःकाल से ही यज्ञशाला में उमड़ पड़ी।
शनिवार की सुबह भजन और आरती के उपरांत दीक्षा लेने वाले भक्तों को गुरु दक्षिणा मंत्र प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम पूज्य संत जीयर स्वामी और संत अयोध्या स्वामी जी महाराज के सान्निध्य में संपन्न हुआ। जीयर स्वामी जी ने अपने आश्रम में पुरुष भक्तों को गुरु दक्षिणा मंत्र दिया, जबकि महिला भक्तों को यह मंत्र संत अयोध्या स्वामी जी महाराज द्वारा दिया गया।
मंदिरों का भ्रमण कर पूज्य संत ने किया भगवान के दर्शन
जीयर स्वामी ने मिश्रवलिया गांव के मंदिर, शाहपुर के काली माता मंदिर, उदासीन अखाड़ा बड़ी मठ और छोटी मठिया में जाकर भगवान के दर्शन किए। डुमरिया गांव के शिवमंदिर व रतनपुरा गांव के हनुमान मंदिर भ्रमण करने के पश्चात यज्ञस्थल पर पहुंचे और चल रहे भंडारे का जायजा लिया। साथ ही यज्ञ समिति के लोगो को आवश्यक निर्देश दिए। लाखों लोगों ने यज्ञशाला की परिक्रमा की। महायज्ञ की पूर्णाहुति के बाद, यजमानों ने प्रसाद ग्रहण किया।
मानव जीवन में धर्म का क्या महत्व है?
अखिल अंतराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन का शुभारंभ जीयर स्वामी के निर्देश बाद शुरू हुआ। जिसमें सैकड़ों साधु, संत व महात्मा के साथ-साथ कथावाचक भी शामिल हुए। संतों ने मानव जीवन में धर्म के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। संतों ने इस बात पर जोर दिया कि धर्म केवल कर्मकांडों का पालन नहीं है, बल्कि एक नैतिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शक है। यह व्यक्ति को सद्गुणों का पालन करने, सत्य के मार्ग पर चलने और आंतरिक शांति प्राप्त करने में सहायता करता है। धर्म, समाज को एकजुट रखने वाला एक सूत्र भी है, जो नैतिकता, सहानुभूति और सेवा भाव को प्रोत्साहित करता है।
सभी संत व महात्माओं के लिए अपने मंतव्य को रखने के लिए समय निश्चित कर दिया गया था। मथुरा, बक्सर, अयोध्या, बनारस सहित कई स्थानों से आये संत महात्माओं व कथा वाचकों द्वारा मानव जीवन मे धर्म के महत्व को समझाया गया। धर्म सम्मेलन में संतो को सुनने के लिए लोगो भीड़ यज्ञस्थल में उमड़ पड़ी। इसके पूर्व दोपहर के समय से ही भंडारे की शुरुआत हो गई। हलाकी भंडारा 05 अप्रैल से लगातार 12 अप्रैल तक चलता रहा।
धर्म का मूल उद्देश्य मानव कल्याण है:
श्री उध्वदास स्वामी जी महाराज ने कहा सात जन्मों के पुण्य का जब उदय होता है, तब ऐसे धर्म सम्मेलन में शामिल होने का मौका मिलता है। मानव शरीर पाकर भी पाखंड नही जाता तो समझ ले सात जन्मों के मानव जीवन में कुछ कमी रह गई है। जब तक भारत के महान मनीषी संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज इस धरा धाम पर जीवित रहे तब तक पाखंड इस क्षेत्र के आस पास भी नही भटकता था। उसी प्रकार उनके परम शिष्य श्रीलक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज उनके कार्यों को आगे बढ़ा रहे है।
श्री उध्वदास स्वामी जी महाराज ने कहा की यह कली काल भयंकर रूप लेकर आया हुआ है। धर्म हमें जीवन के दुखों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। यह हमें आशा देता है और निराशा के क्षणों में भी सांत्वना प्रदान करता है। उन्होंने ने स्पष्ट किया कि धर्म का मूल उद्देश्य मानव कल्याण है। श्री बैकुंठ नाथ स्वामी ने कहा देव दुर्लभ यह मानुष शरीर प्राप्त हुआ है। लेकिन यह छड़ भंगुर भी है। कोई नही जानता कब क्या हो जाये। धर्म के मार्ग पर हमेशा चलना चाहिये। श्री मुक्ति नाथ स्वामी ने कहा धर्म क्या है? धर्म किसे कहते है? धर्म की जिज्ञासा, धर्म को जानने के लिए प्रथम सूत्र है गुरु की सेवा करो, सत्य के सिवा कोई धर्म नही है। चतुरभुज स्वामी जी ने कहा दूसरे के जीवन में उपकार करना यह धर्म है।
Maha Yagya: धर्म सम्मेलन में श्री उद्धव स्वामी जी,श्री आयोध्यानाथ स्वामी जी, श्री राम किंकर स्वामी जी, बैकुंठनाथ जी, मुक्तिनाथ जी, चतुर्भुज स्वामी जी, आनंद बिहारी शास्त्री जी, बड़ी मठिया शाहपुर के महंत उद्धवदास जी, रामपुकार स्वामी जी, संजय स्वामी जी , श्यामनरायण स्वामी जी, कवि जी , शिव वचन स्वामी जी, श्रीकांत स्वामी जी , शुभम शास्त्री जी , मनोज बाबा , कृष्ण मुरारी जी, सत्यनारायण स्वामी जी, माधवाचार्य, रंगनाथ स्वामी, दामोदर स्वामी जी, सच्चिदानन्द स्वामी जी सहित अन्य संत उपस्थित रहें।
धर्म क्या है और परम् धर्म क्या है?
इस मौके पर पूज्य संत जीयर श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने अपने 15 मिनट के संबोधन में कहा कि मानव जीवन की पहचान है वो धर्म है। विषम परिस्थितियों में भी धर्म का त्याग न करें। कर्तब्य का पालन करना ही धर्म कहा गया है। गृहस्त आश्रम में खेती, नौकरी, व्यापार के द्वारा परिवार का संरक्षण करना धर्म है और इन्हें परमात्मा से जोड़ देना परम धर्म है। मूल प्रकृति को संस्कृति से जोड़ देना परम धर्म है। मूल प्रकृति क्या है? हमारा आपका शरीर प्रकृति से बना है। उन्होंने शरीर के पांच तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश जो पंचतत्व है। इस मूल प्रकृति को संस्कृति से जोड़ देने को समझाया।
12 बजे तक, सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम
धर्म सम्मेलन के बाद आयोजित सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम का समापन 12 बजे किया गया। लोक गायकों में भोजपुरी सम्राट भरत शर्मा, विनय मिश्र, अंकुश राजा, और जिया लाल जी जैसे कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने भक्ति गीतों के माध्यम से दर्शकों में भक्ति और श्रद्धा का भाव जगाया।
संगीत की मधुर ध्वनि और गायकों के प्रभावशाली गायन ने धर्म सम्मेलन की गंभीरता और सांस्कृतिक विविधता के बीच एक सुखद संतुलन स्थापित करने में सफल रहा। भक्ति संगीत ने श्रोताओं को शांति और आनंद प्रदान किया, जिससे सम्मेलन का सकारात्मक प्रभाव और भी गहरा हो गया। इस प्रकार, यह सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम धर्म सम्मेलन का एक अभिन्न और सफल हिस्सा सिद्ध हुआ।
शाहपुर में शांतिपूर्ण सम्पन्न हुआ श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ:
महायज्ञ (Maha Yagya) की पूर्णाहुति के पावन अवसर पर आयोजित धर्म सम्मेलन एवं सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम को सफल बनाने में यज्ञ समिति के अध्यक्ष विजय सिंह, उपाध्यक्ष शारदानन्द सिंह उर्फ गुड्डू यादव, कोषाध्यक्ष सत्यदेव पांडेय, सचिव शिवपर्शन यादव, मीडिया प्रभारी रवि यादव, समाज सेवी हीरा ओझा, प्रमोद ओझा, झूना पांडेय, अखिलेश पांडेय, पत्रकार संजय ओझा, दिलीप ओझा, राकेश मंगल सिन्हा , विकास पांडेय, चंदन जी, बाल्मीकि जी , कृष्णा जी, पिंटू जी , देवदिनेश ओझा, हरेराम ओझा, किशुन जी, राकेश यादव, वार्ड पार्षद संजय चतुर्वेदी, मंटू ओझा, मुन्ना तिवारी, बंटी पांडेय, संटू यादव, निशु राय,सोनू राय, मुनमुन राय , मोहन पांडेय, अंकित पांडेय, धन पांडेय, अजाद गुप्ता, रामदुलार यादव, मुन्ना यादव, राजू धानुक, वार्ड पार्षद संजय चतुर्वेदी, वार्ड पार्षद मनोज पासवान, प्रतिनिधि भुटेली महतो, वार्ड पार्षद कामेश्वर राज, संजय गुप्ता, हरेन्द्र पंडित, शमशेर बहादुर पांडेय, प्रदूमन पांडेय, दीपक पांडे, मनीष यादव सहित कई गणमान्य लोग प्रमुख रूप से लगे रहे।