Dumariya Panchayat-वार्ड सदस्य की शिकायत पर भड़के मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री से कहा मामले को देखें
जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसरों को दिया आदेश
भोजपुर के शाहपुर प्रखंड की डुमरियां पंचायत के वार्ड 17 की सात निश्चय का मामला
कार्य पूर्ण होने के बाद भी 40 फीसदी राशि का नहीं किया जा रहा भुगतान
खबरे आपकी शाहपुर। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भोजपुर के शाहपुर प्रखंड की डुमरियां पंचायत की सात निश्चय में भुगतान का मामला उठा। कार्य पूर्ण होने के बावजूद 40 फीसदी राशि का भुगतान नहीं होने की वार्ड सदस्य की शिकायत को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने उपस्थित विभागीय अफसरों को एक सप्ताह के अंदर राशि का भुगतान कराने का निर्देश दिया। साथ ही राशि का भुगतान नहीं होने पर संबधित पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आदेश दिया।
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सीएम ने जनता दरबार में उपस्थित विभागीय मंत्री को भी अपने स्तर से मामले को देखने को कहा। दरअसल हुआ यह है कि डुमरिया पंचायत (Dumariya Panchayat) के वार्ड संख्या 17 के सदस्य धर्मेंद्र राम द्वारा मुख्यमंत्री के जनता दरबार में कार्य पूरा होने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किये जाने की शिकायत की गयी थी। कहा गया कि मुख्यमंत्रीसात निश्चय योजना के तहत वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंधन समिति द्वारा वितीय वर्ष 2018-19 में स्वीकृत दो योजनाओं, जिसकी प्राक्कलित राशि क्रमशः 9 लाख 53 हजार व 10 लाख 78 हजार थी। कार्यादेश के एक माह के बाद समिति द्वारा कार्य को पूर्ण करा दिया गया।
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कार्य पूरा करने के दो साल बावजूद 40 प्रतिशत राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसे लेकर उसके द्वारा मामले को जिले के प्रत्येक फोरम पर उठाया गया। लोक निवारण पदाधिकारी जगदीशपुर के समक्ष भी उक्त मामले की सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पंचायत सचिव (Dumariya Panchayat) को दोषी मानते हुए अभिलंब भुगतान का आदेश दिया गया था। साथ ही साथ अधिकारियों को पंचायत सचिव पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था। बावजूद इसके पंचायत सचिव द्वारा अब तक भुगतान नहीं किया गया।
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डीपीआरओ भोजपुर द्वारा उक्त योजना के शेष राशि के भुगतान के संबंध में करीब 7 लाख रुपये राशि पंचायत को रिलीज की गई थी। परंतु उक्त राशि पंचायत सचिव द्वारा जीएसटी, लेबर सेस और रॉयल्टी मद में जमा करा दी गयी है। इस पर मुख्य मंत्री काफी नाराज दिखे और तत्काल अफसरों को राशि का भुगतान कराने का आदेश दिया। कहा कि एक सप्ताह के भीतर पेमेंट नहीं होता है, तो पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई करें।