Sunday, February 23, 2025
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भोजपुर में सात निश्चय योजना के जांच में राशि गबन का मामला उजागर

Money embezzlement: बरिसवन पंचायत में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत बनाये गए नाली-गली योजना में भारी अनियमितता व सरकारी राशि का दुरुपयोग को लेकर मुखिया, पंचायत सचिव, जेई, वार्ड सदस्य व वार्ड समिति के सचिव पर हो सकती है कारवाई।

  • डीएम के आदेश पर टेक्निकल टीम ने योजना का किया जांच
  • मुखिया, सचिव, जेई, वार्ड व वार्ड सचिव पर हो सकती करवाई व राशि रिकवरी
  • किसी भी योजना में नही लगा है योजना से संबंधित शिलापट्ट

Bihar/Ara/Shahpur: भोजपुर जिला के शाहपुर प्रखंड के बरिसवन पंचायत में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत बनाये गए नाली-गली योजना में भारी अनियमितता व सरकारी राशि का दुरुपयोग को लेकर मुखिया, पंचायत सचिव, जेई, वार्ड सदस्य व वार्ड समिति के सचिव पर हो सकती है कारवाई। योजनाओं की जांच में सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है। जिसमे राशि गबन का मामला बनता है और राशि रिकवरी भी की जा सकती है।

पंचायत के कुछ लोगो द्वारा उक्त योजना में गड़बड़ी को लेकर डीएम को आवेदन दिया गया था। जिसके बाद उपविकास आयुक्त के निर्देश पर बरिसवन पंचायत के वार्ड संख्या 06 व वार्ड संख्या 09 के योजना की जांच तीन सदस्यीय अभियंताओं की टेक्निकल टीम गठीत कर के करवाई गई। टीम के सदस्यों में कनीय अभियंता चंदन सिंह, संदीप कुमार व अस्मित श्रीवास्तव शामिल रहे। साथ विशेष सहयोग में जेई विनीत कुमार को आदेशित किया गया था। है।

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya
Money embezzlement case in Shahpur's Barisawan

जांच के दौरान अभियंताओं द्वारा बेहद ही बारीकी से योजना के जांच की गई। जिसमें पाया गया कि वार्ड संख्या 06 में जिस योजना पर वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंधन समिति के द्वारा करीब 9 लाख 32 हजार खर्च किया गया है। इस योजना पर महज 6लाख 27 हजार रुपये का ही कार्य कराया गया है। टीम द्वारा पाया गया कि योजना से संबंधित किसी तरह का कोई शिलापट्ट भी नही लगाया गया। यही हाल पंचायत के वार्ड संख्या 09 के योजना में भी देखी गई।

Money embezzlement: हालांकि वार्ड में प्राक्कलन राशि करीब एक लाख 71हजार के करीब हैं लेकिन इस योजना में मात्र 45 हजार रुपये का ही एमबी जेई द्वारा किया गया है। धरातल पर योजना का प्रस्तावित योजना के अनुरूप नही है। योजना स्थल पर किसी तरह का शिलापट्ट नही लगाया गया है। योजना पर खर्च की राशि से ज्यादा की निकासी की गई है।

विभागिय सूत्रों के अनुसार टेक्निकल टीम द्वारा योजनाओं के जांचोपरांत अपनी जांच रिपोर्ट को अधिकारियों को समर्पित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर योजना में भारी अनियमितता करते हुए सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है।

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