Pachrukhia का सत्येंद्र पांडेय हत्या, बालू तस्करी व आर्म्स एक्ट सहित दर्जनों मामलों में आरोपित है
नवादा थाना क्षेत्र के गिरिजा मोड़ के पास से स्कॉर्पियो सहित पुलिस ने पकड़ा
स्कॉर्पियो से दो किलो गांजा बरामद, गाड़ी जब्त कर की जा रही कागजात की जांच
खबरे आपकी आरा। भोजपुर जिले का कुख्यात बालू तस्कर सत्येंद्र पांडेय (Pachrukhia) आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। शहर के नवादा थाना क्षेत्र के गिरिजा मोड़ के पास से पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसके साथ उसके पुत्र छोटू पांडेय और स्कॉर्पियो चालक चालक कौशल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान स्कॉर्पियो से दो किलो गांजा भी बरामद किया गया है। उसके बाद स्कॉर्पियो जब्त कर ली गयी। गिरफ्तार सत्येंद्र पांडेय कोईलवर थाना क्षेत्र के Pachrukhia पचरूखिया गांव का रहने वाला है। जबकि स्कॉर्पियो चालक बबुरा का रहने वाला है। एसपी विनय तिवारी ने यह जानकारी दी।
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उन्होंने बताया कि अवैध बालू खनन में शामिल सभी धंधेबाजों की लिस्ट बना छापेमारी की जा रही है। इसी क्रम में सत्येंद्र पांडेय के आरा में आने की सूचना मिली। उसके बाद टीम में बनाकर छापेमारी की गयी। इस दौरान गिरजा मोड के समीप स्कॉर्पियो सत्येंद्र पांडेय सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। तीनों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि अवैध बालू के धंधेबाजों की धरपकड़ के लिये छापेमारी की जा रही है। छापेमारी में नवादा थाना इंचार्ज संजीव कुमार, मुफस्सिल पुलिस और डीआइयू टीम भी शामिल थी।
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Pachrukhia का सत्येंद्र दस साल पहले बालु धंधे में उतरा और देखते-देखते बन गया कुख्यात
आरा। कोईलवर के पचरूखिया गांव निवासी बालू माफिया सत्येंद्र पांडेय का आपराधिक रेकॉर्ड लंबा है। बालू की तस्करी के साथ हत्या, फायरिंग, पुलिस पर हमला और आर्म्स एक्ट का भी आरोपित है। उसके खिलाफ दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हैं। सिर्फ 2021 में अबतक उसके खिलाफ पांच केस दर्ज हुये हैं। इसमें अवैध खनन और आर्म्स एक्ट के मामले हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार कुख्यात सत्येंद्र पांडेय के खिलाफ कोईलवर थाने में 10, बड़हरा और छपरा जिले के डोरीगंज में एक-एक मामला दर्ज होने की बात अब तक सामने आयी हैं। वह कोईलवर के पांच मामलों में वांटेड है। बड़हरा थाना के एक मामले में उसकी तलाश की जा रही है। वर्ष 2015 में कोईलवर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की हत्या हुई थी। उस मामले में भी वह आरोपित है। उस मामले में पुलिस द्वारा उसके खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट भी समर्पित कर दी गयी है।
बताया जाता है कि उसने 2011 में अवैध बालू के धंधे की शुरुआत की थी। उसके बाद देखते ही देखते वह माफिया बन बैठा। उसकी मुख्य अदावत विदेशी यादव गुट से है। इसको लेकर कई बार दोनो गुट आमने-सामने हो चुके हैं।
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