Monday, April 7, 2025
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मनोज झा के “ठाकुर का कुंआ’ कविता पाठ के समर्थन में शक्ति यादव ने दी चेतावनी

Manoj Jha – Thakur poem: आरजेडी प्रवक्ता ने बीजेपी विधायक को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो सीमा में रहे, ये बिहार है। किसके सीना में ताकत है, जो मुंह तोड़ देंगे।

  • हाइलाइट:-
    • ठाकुर का कुंआ’ कविता पाठ को लेकर सियासी बवाल, आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव मनोज झा के समर्थन में
    • बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा मनोज झा मेरे सामने ठाकुरों पर बयान देते तो पटक कर मुंह तोड़ देता
    • आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने फेसबुक पर प्रतिक्रिया दी और कहा हम चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे

Manoj Jha – Thakur poem: राजद सांसद मनोज झा द्वारा राज्यसभा में ‘ ठाकुर का कुंआ’ कविता पाठ को लेकर सियासी बवाल छिड़ गया है। इस पर खास समाज के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। इन सबने मनोज झा पर निशाना साधा। साथ ही चेतावनी दी कि वे माफी मांगें। बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि मनोज झा मेरे सामने ठाकुरों पर बयान देते तो पटक कर मुंह तोड़ देता। इस बीच आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव मनोज झा के समर्थन में उतर गए हैं। उन्होंने कहा है कि अतीत में जो हालात और दबंगई-अधिनायकवाद था, उसके खिलाफ जो कविता थी, उसका पाठ किया था। ठाकुर को जाति से कैसे जोड़ सकते हैं? ठाकुर तो कर्पूरी ठाकुर भी थे। तेजस्वी जी चीजों को देख रहे हैं। आरजेडी प्रवक्ता ने बीजेपी विधायक को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो सीमा में रहे, ये बिहार है। किसके सीना में ताकत है, जो मुंह तोड़ देंगे।

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दरअसल, महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में आरजेडी सांसद मनोज झा ने कविता को सुनाते हुए ठाकुर शब्द का जिक्र किया था और अपने अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी। मनोज झा की इसी टिप्पणी को लेकर घमासान छिड़ गया है। सबसे पहले पार्टी के विधायक चेतन आनंद और इनके परिवार के लोगों ने मोर्चा खोला दिया। उसके बाद बीजेपी भी खुलकर सामने आ गई। बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि मनोज झा मेरे सामने ठाकुरों पर बयान देते तो पटक कर मुंह तोड़ देता।

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पहला विरोध आरजेडी के विधायक चेतन आनंद ने दर्ज कराया। उसके बाद भाजपा, जदयू, लोजपा के कई नेता इसमें कूद पड़ें। आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने फेसबुक पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध करते हैं। बुधवार को फेसबुक लाइव पर आए और कहा कि मनोज झा ब्राहणों पर कविता क्यों नहीं सुनाते हैं। वो जनता से माफी मांगे। हम चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे। कुछ लोग पार्टी में रहकर ए-टू-जेड का फार्मूला बिगाड़ना चाहते है। मनोज झा का बयान समाजवाद नही है। वहीं, आरजेडी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर मनोज झा के भाषण को शेयर करते हुए उसे दमदार एवं शानदार बताया।

Manoj Jha – Thakur poem: जाने पूरा मामला- क्या कहा आरजेडी सांसद मनोज झा ने?

महिला आरक्षण विधेयक पर राज्यसभा में आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि हम कौन सा विधेयक ला रहे है जिसमें उजला एवं काला है पर ग्रे शेडस नहीं है। हम चाहते हैं वर्ग चरित्र बदले, संसद सचमुच में प्रतिनिधित्व की संस्था बनें। जिसमें सबके आकार हो, सबकी शक्लें हो, ये न हो कि उस पर एक प्रभुत्व वर्ग का हमेशा उस पर छाप हो।

उन्होंने अपने संबोधन के दौरान ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़ने के पूर्व कहा कि इसमें प्रतीक है, वो किसी जाति विशेष के लिए नहीं है, क्योंकि सबके अंदर एक ठाकुर है, जो न्यायालय में बैठा हुआ है, विश्वविद्यालयों में बैठा हुआ है, संसद की दहलीज को चेक करता है। उन्होंने कहा कि वो ठाकुर मैं भी हूं, वो ठाकुर संसद में हैं, वो ठाकुर विश्वविद्यालयों में है, यह ठाकुर विधायिका को कंट्रोल करता है, इस ठाकुर को मारो, जो अंदर है।

इसके बाद उन्होंने कविता पढ़ी : चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का/ भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का/ बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की/ कुंआ ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के, फिर अपना क्या ?

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