Ramesh Ojha: मृतक मूल रूप से शाहपुर थाना क्षेत्र के लिलारी गांव निवासी स्व. राजगृह ओझा के 60 वर्षीय पुत्र रमेश ओझा थे
- हाइलाइट : Ramesh Ojha
- शाहपुर थाने के करनामेपुर रोड में मंदिर के समीप मंगलवार की रात मिला था बुजुर्ग का शव
- चार को हुई थी बेटी की शादी, नौ दिसंबर को विदाई के बाद से लापता थे बुजुर्ग
- बेटी की शादी करने रिश्तेदार के घर बिहिया के दुबौली गांव आये थे रांची में रहने वाले बुजुर्ग
आरा/शाहपुर: भोजपुर के बिहिया थाना क्षेत्र के दुबौली गांव से सोमवार की शाम से लापता बुजुर्ग का शव शाहपुर थाना क्षेत्र के करनामेपुर रोड स्थित मंदिर के पास मंगलवार की रात बरामद किया गया। उनके सर के पीछे चोट के (फटा हुआ) निशान मिले हैं। नाक और कान से खून निकल रहा था। ऐसे में बुजुर्ग की सड़क हादसे में मौत होने की बात कही जा रही है।
मृतक मूल रूप से शाहपुर थाना क्षेत्र के लिलारी गांव निवासी स्व. राजगृह ओझा के 60 वर्षीय पुत्र रमेश ओझा थे। वह काफी समय से झारखंड के रांची में काम करते थे और वहां अपना मकान बनाकर पूरे परिवार के साथ रहते थे। हाल में वह अपनी बेटी की शादी करने रिश्तेदार के घर बिहिया थाना क्षेत्र के दुबौली गांव आये थे। मौत की सूचना पर शाहपुर थाने की पुलिस पहुंची और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस के अनुसार किसी वाहन की चपेट में आने से बुजुर्ग की मौत होना प्रतीत हो रहा है।
इधर, दुबौली गांव निवासी रवींद्र पांडेय ने बताया कि उनके रिश्तेदार रमेश ओझा की बेटी उषा ओझा की शादी चार दिसंबर को थी। दुबौली गांव स्थित उनके घर से ही रमेश ओझा की बेटी उषा की शादी हुई थी। नौ दिसंबर को उनकी बेटी की विदाई हुई थी। उसी दिन शाम को उनके रिश्तेदार रमेश ओझा घर से कहीं निकले थे। देर शाम तक वह घर नहीं लौटे, तो उनकी खोजबीन शुरू की गयी। इसी बीच मंगलवार की रात सूचना मिली कि शाहपुर थाने में शव रखा गया है। इस आधार पर वह थाना पहुंचे और उनकी पहचान की।
उन्होंने बताया कि शाहपुर करनामेपुर रोड में पुल स्थित शिव मंदिर के समीप किसी वाहन ने उन्हें रौंद दिया। इससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। इलाज के लिए शाहपुर रेफरल अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। बताया जा रहा है कि मृत बुजुर्ग चार भाइयों में बड़े थे। उनके परिवार में पत्नी मंजू देवी, पुत्र गुड्डू ओझा, राजन ओझा और पुत्री उषा ओझा है।
बेटी की विदाई के अगले दिन पिता की उठ गयी अर्थी, घर में कोहराम : इकलौती बेटी का हाथ पीला करने के साथ ही पिता की भी मौत हो गई। बेटी की डोली निकलने के दूसरे दिन ही उनकी भी अर्थी उठ गयी। इससे उनके घर में कोहराम मच गया है। पिता की मौत से बेटी की शादी की सारी खुशियां फीकी पड़ गई। घर में मातम पसर गया। बताया जा रहा है कि चार दिसंबर को बुजुर्ग रमेश ओझा की बेटी की शादी हुई। नौ दिसंबर को बेटी की विदाई हुई और उसी शाम को वह गायब हो गये। बताया जा रहा है कि उसी शाम सड़क हादसे में मौत हो गयी थी।