Jiyar Swami: श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के अवसर पर स्वामी जी महाराज के प्रवचन के दौरान श्रोताओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। युवा, वृद्ध, पुरुष और महिलाएं, सभी एक साथ बैठकर उनके वचनों को ध्यान से सुन रहे थे।
- हाइलाइट्स: Jiyar Swami
- संत जीयर स्वामी के प्रवचन में उमड़ा जनसैलाब
- प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक प्रबंध
Jiyar Swami आरा/शाहपुर: भारत के महान मनीषी संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्रीलक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा शाहपुर नगर पंचायत में श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के अवसर पर दिए गए प्रवचन में यह सारगर्भित बात कही गई कि “मानव जीवन से ही धर्म की पहचान है। धर्म, अपने व्यापक अर्थ में, नैतिकता, कर्तव्य, और सामाजिक मूल्यों का एक समुच्चय है, जो मानव जीवन को निर्देशित करता है। धर्म के बिना, मनुष्य पशुवत जीवन जीने को बाध्य होता, जिसमें कोई नैतिक बंधन या सामाजिक व्यवस्था नहीं होती।
स्वामी जी महाराज ने कहा की धर्म के मूल सिद्धांतों – सत्य, अहिंसा, करुणा, और सेवा – का पालन मानव जीवन को सार्थक बनाता है। ये सिद्धांत हमें दूसरों के प्रति संवेदनशील होने, अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने, और एक न्यायपूर्ण समाज का निर्माण करने के लिए प्रेरित करते हैं। यदि मानव जीवन से इन मूल्यों को निकाल दिया जाए, तो अराजकता और स्वार्थ का बोलबाला हो जाएगा, जिससे मानव समाज का विघटन हो जाएगा। धर्म की व्याख्याएँ भिन्न हो सकती हैं, और धार्मिक कर्मकांड समय के साथ बदल सकते हैं, लेकिन धर्म का सार तत्व – मानव कल्याण – सदैव अपरिवर्तित रहता है।
पाप से घृणा करनी चाहिये पापी से नहीं:
जीवन के पथ पर चलते हुए मनुष्य से अनजाने में गलतियाँ हो जाती हैं। ऐसी भूलें, जो अज्ञानता या असावधानी के कारण घटित होती हैं, क्षम्य हैं, बशर्ते कि उन्हें दोबारा न दोहराया जाए। गलती को दोबारा दोहराना पाप की श्रेणी में आता है। यहाँ एक महत्वपूर्ण भेद यह है कि हमें पाप से घृणा करनी चाहिए, पापी से नहीं। किसी व्यक्ति के बुरे कर्मों की निंदा करना आवश्यक है, ताकि समाज में न्याय बना रहे। परन्तु, उस व्यक्ति को घृणा की दृष्टि से देखना अनुचित है। हर व्यक्ति में परिवर्तन की संभावना विद्यमान है। दया और सहानुभूति से प्रेरित होकर पापी को पश्चाताप करने और सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना ही मानवीय धर्म है।
12 अप्रैल को होगा अखिल अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन
पूज्य संत जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि 11 अप्रैल को होने वाला धर्म सम्मेलन अब परिवर्तित समय के अनुसार 12 अप्रैल होगा। प्रवचन में संत अयोध्या स्वामी जी महाराज, संत उधव स्वामी जी महाराज, बैकुंठ स्वामी जी महाराज, चतुर्भुज स्वामी जी महाराज, संत मुक्ति नाथ सवामी जी, श्री आनंद बिहारी शास्त्री जी सहित बडी संख्या में संत महात्मा व पत्रकार संजय ओझा, दिलीप ओझा, विकास पांडेय, बुलेट लाल, मीडिया प्रभारी रवि यादव उपस्थित रहे।

संत जीयर स्वामी के प्रवचन में उमड़ा जनसैलाब:
पूज्य संत संत जीयर स्वामी जी महाराज का समाज पर गहरा प्रभाव है। श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के अवसर पर स्वामी जी महाराज के प्रवचन के दौरान श्रोताओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। युवा, वृद्ध, पुरुष और महिलाएं, सभी एक साथ बैठकर उनके वचनों को ध्यान से सुन रहे थे। प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक प्रबंध किए गए है।
इस महायज्ञ को सफल बनाने यज्ञ समिति के अध्यक्ष विजय सिंह, उपाध्यक्ष शारदानन्द सिंह उर्फ गुड्डू यादव, कोषाध्यक्ष सत्यदेव पांडेय, सचिव शिवपर्शन यादव, समाज सेवी हीरा ओझा, देवदिनेश ओझा, हरेराम ओझा, किशुन जी, राकेश यादव, वार्ड पार्षद संजय चतुर्वेदी, मंटू ओझा, मुन्ना तिवारी, बंटी पांडेय, राकेश यादव, निशु राय,सोनू राय, अंकित पांडेय, धन पांडेय, अजाद गुप्ता, रामदुलार यादव, मुन्ना यादव, राजू धानुक, वार्ड पार्षद संजय चतुर्वेदी, वार्ड पार्षद मनोज पासवान, प्रतिनिधि भुटेली महतो, वार्ड पार्षद कामेश्वर राज, संजय गुप्ता, हरेन्द्र पंडित, शमशेर बहादुर पांडेय, प्रदूमन पांडेय, दीपक पांडे, मनीष यादव सहित कई गणमान्य लोग प्रमुख रूप से लगे है।