RK Singh Cabinet Minister–मोदी मंत्रिमंडल के परफार्मर मंत्रियों में है गिनती
आरा। केंद्रीय गृह सचिव से केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने आरके सिंह अपनी प्रतिभा, कर्मठता एवं ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। लोक सेवक से जनसेवक बने श्री सिंह की पहचान एक कड़क अधिकारी की तरह अभी भी सर्वविदित है। वर्ष 2013 में भाजपा में शामिल होने के बाद आरा संसदीय क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी के रूप में वर्ष 2014 में जीत का परचम लहराया। उनकी प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 2017 में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें ऊर्जा एवं गैर परंपरागत ऊर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।
क्षेत्र के विकास पुरुष के रूप में पहचान बनानेवाले श्री सिंह (RK Singh Cabinet Minister) ने रेलवे, सड़क, बिजली सहित अन्य क्षेत्रों में सराहनीय उपलब्धि संसदीय क्षेत्र के लोगों को दिलाई। अपने कार्य, प्रतिभा व ईमानदारी के बदौलत वर्ष 2019 में भी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में आरा संसदीय क्षेत्र से पुनः जीत का परचम लहराया व दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में पूर्व के मंत्रालय को संभाला। पूरे देश में गांव-गांव घर-घर सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के पूर्व ही इन्होंने अपनी कार्यकुशलता के कारण लक्ष्य को प्राप्त कर लिया।
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परफारमेंस को लेकर मंत्रिमंडल में हुई पदोन्नति
आरा। नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के बुधवार को पूरे विस्तार में आरा सांसद राजकुमार सिंह को उनके परफारमेंस को देखते हुए उनकी पदोन्नति की गई तथा ऊर्जा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार की जगह उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया।
महज 23 वर्ष की उम्र में बने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी
आरा। 20 दिसंबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में जन्मे आरके सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा के बाद महज 23 वर्ष की उम्र में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। वर्ष 1975 में आईएएस अधिकारी बन गए। आईएएस बनने के बाद आरके सिंह पटना और पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी रहे, साथ ही बिहार के कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे। प्रदेश के पथ निर्माण विभाग के सचिव के रूप में उन्होंने सड़कों की बेहतरी के लिए काफी प्रशंसनीय कार्य किया।
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जिलाधिकारी से लेकर जहां भी उनकी पदस्थापना की गई, उन्होंने उससे सफलतापूर्वक निभाया। आरके सिंह को केंद्रीय गृह सचिव उस समय बनाया गया। जब भारत आतंकवाद जैसे मुद्दों से जूझ रहा था. वे 2000 से 2005 तक गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर रहे, तो 2011 से 2013 तक गृह मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात रहे।
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