Thursday, January 30, 2025
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स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ई. संजय शुक्ला का राष्ट्रभक्तों को संदेश

भोजपुरवासियो को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई।

शहीदों के बलिदान को शत-शत नमन..

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या ई. संजय शुक्ला का राष्ट्रभक्तों को संदेश बधाई देते हुए कहा हर वर्ष की भांति इस साल (2020) भी हम सभी भारतवासी 15 अगस्त को अपने मातृभूमि की 73 वीं स्वाधीनता दिवस बड़े ही हर्षोल्लास से मना रहे है। आज ही के दिन 1947 ई0 में हमारा देश 415 वर्षों (डच भारत 1605-1825 डेनिस भारत 1620-1869 फ्रांसीसी भारत 17691954 पुर्तगाली भारत 1505-1961 ब्रिटिश भारत 1612-1947) कि विदेशी शासकों के गुलामी की जंजीरों से स्वतन्त्र हुआ और हमसब आजाद हुए।

Futen Ansari
raju yadav
Bijay
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भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय आव्हानो, उतेज्नाओ एवं प्रयत्नों से प्रेरित भारतीय राजनितिक संगठनों द्वारा संचालित अहिंसावादी और सैन्यवादी आन्दोलन था, जिनका एक ही उद्देश्य, अंग्रेजी शासन को भारतीय उप-महाद्वीप से जड़ से उखाड़ फेंकना था। जिसकी शुरुआत 1857 में हुए सिपाही विद्रोह को माना जाता है। स्वाधीनता संग्राम में हजारों लोगों ने अपने प्राणों की बलि दी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1929 में लाहौर अधिवेशन में अंग्रेजों से पूर्ण-स्वराज की मांग की।

Madan Yadav
Badak Kushwaha
Junior Engineer
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Junior Engineer

स्वतंत्रता संग्राम एक चरणबद्ध व्यवस्था के तहत हमारे देशभक्त/राष्ट्रभक्त स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में चला जिनमे खुदीराम बोस, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, मंगल पाण्डेय, रानी लक्ष्मीबाई बाबू, वीर कुंवर सिंह, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, लाल-बाल-पाल, सरोजिनी नायडू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरू एवं राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का नाम सदा उल्लेखनीय रहेगा। आज के दिन हम उन शहीदों के देशभक्ति, साहस, पराक्रम, समर्पण एवं बलिदान को स्मरण करते हुए शत-शत नमन करते है।

Pintu bhaiya
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किसी भी देश में खुशियों आजादी से ही आती है, आजादी से, उस देश के प्रत्येक नागरिक से कुछ स्वाभाविक जरूरतों की अपेक्षा होती है जो कि सीधे तौर पर उनकी जिम्मेवारियो को बोध/इंगित करता है। यहाँ यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि जिस लग्न/भक्ति /चाहत से हमारे शहीदों ने आजादी की जंग लड़ी थी। उस पैमाना और माप-दंड पर आजादी के 73 सालों में देश का चौतरफा विकास नहीं हो पाया। क्या हमसभी अपने देश प्रगति से खुश और संतुष्ट है ? अगर नही, जो की स्पष्ट रूप से प्रतिलक्षित होता है (विकास के विभिन्न आयामों में अपेक्षा से दूर होना, विभिन्न प्राकृतिक आपदाओ में अपने को हतोत्साहित पाना, शिक्षा/स्वास्थ्य एवं अन्य मूल जरूरतों के क्षेत्र में अपने को कमजोर पाना, तकनीक/अभियंत्रण/शोध के क्षेत्र में अन्य देशों से पीछे रहना) तो हमें मिलकर/एकाग्रचित होकर चिन्तन करना है कि हमारे क्रिया-कलापों/रख-रखाव, नियोजन/क्रियान्वन, दूर-दृष्टिानोतिक मूल्यों, नेतृत्व/प्रशासन में गुणवत्ता की कमी,पद्धतियों/उप-पद्धतियों का भंगुरपन, सामाजिक-राजनितिक व्यवस्था इत्यादि मुख्य बिन्दुओ पर सुधार की कहाँ और कैसी आवश्यकता है, फिर मिलकर देश के खातिर धार्मिक रूप से इन विचलनों को निश्चित ही दूर करना है | यही हमारी उन शहीदों के बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि होगी।

एक शक्तिशाली, विकसित भारतवर्ष की आज के परिवेश में हमें सख्त जरुरत है, चीन-पाकिस्तान जैसे दुश्मन पडोसी देशों की अनैतिक हरकतों और COVID-19/बाढ़/भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने हेतु, हमें और ज्यादा अनुशासित, निष्ठावान, कर्तव्यनिष्ट एवं नैतिक होना है।

मै स्वतंत्रता दिवस के शुभ-अवसर पर समस्त बिहारवासियों विशेषकर भोजपुर-वासियों को हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की मनोकामना करता हूँ।

ई. संजय शुक्ल

प्रख्यात चिंतक व प्रखर समाजसेवी

ड्‌यूटी जा रहे दारोगा को बाइक सवार ने मारी ठोकर, जख्मी

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भीम सिंह 'भवेश'
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