Electoral rivalry: थानाध्यक्षों को एक सप्ताह के अंदर मुखियाओं के साथ बैठक करने का टास्क
चुनावी रंजिश में मुखियाओं की हत्या और साजिश को ले एसपी की पहल
बैठक में आशंका व साजिश सहित हर बिंदुओं पर होगी चर्चा
खबरे आपकी आरा। भोजपुर जिले में ग्राम पंचायत प्रधानों (मुखिया) की सुरक्षा की कवायद शुरू कर दी गयी है। इसे लेकर एसपी की ओर से थानाध्यक्षों को टास्क दिया गया है। सभी को मुखियाओं के साथ बैठक कर सुरक्षा के उपाय करने को कहा गया है।थानाध्यक्षों को एक सप्ताह के अंदर बैठक कर लेने का निर्देश दिया गया है। बैठक में मुखियाओं से सुरक्षा संबंधी सुझाव भी लिये जायेंगे। हाल में नवनिर्वाचित दो मुखियाओं को टारगेट किये जाने के बाद एसपी ने यह पहल शुरू की है। एसपी विनय तिवारी ने बताया कि सुरक्षा को लेकर थानेदारों को मुखियाओं संग बैठक करने का निर्देश दिया गया है। उसमें सभी मुखिया से सुरक्षा को लेकर बिंदुवार जानकारी ली जायेगी।आशंका और साजिश सहित अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की जायेगी। सुरक्षा के सुझाव भी मांगे जायेंगे। उसके आधार पर कार्रवाई की जायेगी और सुरक्षा के उपाय किये जायेंगे। एसपी ने बताया कि बैठक में
देसी शराब और चौकीदारों के कामकाजी प्रतिक्रिया की भी जानकारी ली जायेगी। बता दें कि चुनावी रंजिश में जिले में नवनिर्वाचित मुखियाओं को टारगेट किया जाने लगा है। इसके तहत मुखियाओं की हत्या और हत्या की साजिश की जा रही है। एक मुखिया की हत्या भी की जा चुकी है। हालांकि पुलिस की तत्परता से एक मुखिया की जान बच सकी है। इसे देखते हुये एसपी द्वारा यह कार्रवाई शुरू की गयी है।
Electoral rivalry: तीन दिन में दो मुखियाओं को किया गया टारगेट, एक की गयी जान
आरा। भोजपुर में महज तीन दिनों में दो मुखियाओं को टारगेट किया जा चुका है। इसमें एक मुखिया की तो हत्या कर दी गयी। लेकिन समय रहते एक की जान बचा ली गयी। दोनों को पंचायत चुनाव में पराजय के बाद प्रतिद्वंदी प्रत्याशी की ओर से निशाना बनाया गया है। विदित हो कि चरपोखरी प्रखंड की बाबूबांध पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया संजय सिंह की गत 15 नवंबर को गोली मार हत्या कर दी गयी थी। बजेन गांव निवासी मुखिया संजय सिंह को चरपोखरी थाना क्षेत्र के भलुआना और प्रीतमपुर गांव के बीच दिनदहाडे़ गोली मार दी गयी थी। उसके महज दो दिन बाद 17 नवंबर को ही अगिआंव प्रखंड की रतनाढ़ पंचायत के मुखिया विनोद चौधरी की हत्या की साजिश रची गयी थी। चुनाव जीतने के बाद प्रमाण पत्र लेकर घर लौटते समय उनको टपकाने की साजिश थी। लेकिन ऐन मौके पर पुलिस पहुंच गयी थी और पराजित मुखिया प्रत्याशी के पति सहित दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे मुखिया की जान बच सकी थी।
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