Senior journalist Vaidik and Ravish: खबरे आपकी: वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का निधन हो गया है। उन्होंने गुरुग्राम (हरियाणा) के सेक्टर-55 स्थित अपने घर पर सुबह अंतिम सांस ली। उनका जन्म 30 दिसंबर 1944 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। बताया जा रहा है कि वो बाथरूम में फिसल गए।
Senior journalist Vaidik and Ravish: वही उनके निधन पर एशिया का नोबेल माने जाने वाला ‘रैमॉन मैगसेसे’ पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने कहा की रोज़ लिखने की आदत के हिसाब से उनकी उम्र कोई बीस साल की रही होगी मगर 78 साल की उम्र में वेद प्रताप वैदिक जी इस दुनिया को छोड़ गए। वैदिक जी ने क़रीब-क़रीब हर दिन लिखा है। यह शोध का विषय हो सकता है कि कब-कब नहीं लिखा है। इन दिनों तो सुबह छह बजे तक उनका लेख आ जाता था।
आप उनसे खूब बहस कर सकते थे, जैसा कि मैं करता था, जवाब यही मिलता था कि लेकिन मेरा स्नेह हमेशा तुमको मिलता रहेगा। फिर हम दोनों हँस लेते थे। मैं कह भी देता था कि आपकी बेटी इतिहासकार है। अब आप ये सब लिखना बंद कर दीजिए तो उन्हें ये बात बहुत अच्छी लगती थी। शायद बेटी को बहुत प्यार करते रहे होंगे।
मेरी सुरक्षा को लेकर हमेशा चिन्तित रहते थे। विदेश नीति पर साधिकार लिखने वाले वैदिक जी हिन्दी ठाठ से जीते थे। अंग्रेज़ी धुआँधार बोलते थे। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव किया था। उनके जीवन में बड़े लोगों के क़िस्से भी एक से एक थे। ख़ूब सुनाना पसंद करते थे।
तमाम संबंधों के बाद भी क्या-क्या ठुकरा दिया इसकी सूची तैयार होती थी। जब कभी शो के लिए बुलाया मना नहीं किया। हमेशा हौसलाअफ़जाई की है। वेद प्रताप वैदिक से बात करने की स्मृतियाँ अच्छी हैं। मैं उन्हें सहेज कर रखना चाहूँगा। मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ ।