नम आंखों से भोजपुर के शहीद चंदन को दी गयी अंतिम विदाई
गांव की मिट्टी में देश के सपूत का किया गया अंतिम संस्कार
गांव के शहीद बेटे का दर्शन व नमन करने के लिये उमड़ पड़ा लोगों का जनसैलाब
चंदन की शहादत से लोगों में गर्व की अनुभूति, तो बहादुर बेटे को खोने का दिखा गम
आरा। देश की सीमा की रक्षा करते चीन के सैनिकों के साथ मुठभेड में हंसते-हंसते प्राण न्योछावर कर देने वाला शहीद चंदन भोजपुर का बहादुर बेटा सबको रूला कर चला गया। शुक्रवार को वीर सपूत चंदन को गर्व, गम व गुस्से के बीच नम आंखों से अंतिम विदाई दी गयी। दोपहर ठीक 11.55 मिनट पर पैतृक गांव जगदीशपुर के ज्ञानपुरा स्थित नदी किनारे गोवर्द्धन स्थल के पास पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। पिता हृदयानंद सिंह ने शहीद बेटे को मुखाग्नि दी।
इस अवसर पर सशस्त्र बलों द्वारा शहीद को सलामी व गार्ड अॉफ अॉनर दिया गया। इस दौरान पूरा इलाका शहीद चंदन अमर रहे के नारों से गूंज उठा। इससे पहले सुबह करीब सात बजे शहीद का पार्थिव शरीर फूलों से सजी एम्बुलेंस से गांव लाया गया। इस दौरान पर पूरा भोजपुर शहीद चंदन अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम व चाइना होश में आओ के गगनभेदी नारों से गूंजता रहा। वहीं शहीद चंदन का पार्थिव शरीर आते ही घर में कोहराम तो गांव में कोलाहल मच गया। गांव के शहीद बेटे का दर्शन व नमन करने के लिये जनसैलाब उमड़ पड़ा।आसपास के गांव से भी काफी संख्या में लोग पहुंचे थे।
इस अवसर पर लोगों में जहां गांव के बेटे की शहादत पर गर्व की अनुभूति थी, तो बहादुर बेटे को खोने का गम और धोखेबाज चीन के खिलाफ काफी गुस्सा भी देखा गया। बिहार सरकार की ओर से कृषि मंत्री प्रेम कुमार व जिला प्रभारी मंत्री ने विनोद कुमार सिंह द्वारा शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। जगदीशपुर विधायक राम विशुन सिंह लोहिया, अगिआंव विधायक प्रभु प्रसाद, भोजपुर डीएम रोशन कुशवाहा, एसपी सुशील कुमार, पूर्व विधायक भाई दिनेश, संजय सिंह टाइगर व माले नेता राजू यादव सहित सहित हजारों लोगों द्वारा भी शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
जबतक सूरज-चांद रहेगा और शहीद चंदन तेरा नाम रहेगा…..
आरा। शहीद चंदन का पार्थिव शरीर गांव आते ही पूरा इलाका गगनभेदी नारों से गूंज उठा। पूरे रास्ते लोग जबतक सूरज-चांद रहेगा, चंदन तेरा नाम रहेगा के नारे लगाते रहे। इस अवसर पर लोग भारत माता की जय, वंदेमातरम, खून का बदला खून व चाइना होश में आओ जैसे नारे भी लगा रहे थे। शहीद का पार्थिव शरीर गांव आने से लेकर अंतिम संस्कार होने तक नारेबाजी चलती रही। लोगों खासकार युवाओं में चीन के प्रति काफी आक्रोश भी देखा गया। अपने बेटे व भाई को खोने से लोगों का खून उबल रहा था। सभी एक स्वर से चीन को सबक सिखाने की मांग कर रहे थे। सभी का यही कहना था कि भारत सरकार को इसका बदला लेना चाहिए।
शहीद जवान चंदन यादव का पार्थिव शव पहुंचा पैतृक गांव
तिरंगे मे लिपटे बहादुर बेटे को देख रो पड़े हजारों लोग
आरा। लहराते तिरंगा के पीछे आऊंगा या तिरंगा में लिपटा हुआ आऊंगा, लेकिन वापस जरूर आऊंगा। परमवीर चक्र पदक से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा की इस पंक्ति को आज भोजपुर के लाल शहीद चंदन ने कर दिखाया। वैसे तो सेना ज्वाईन करने वाले हर जांबांजों की यही तमन्ना होती है कि वह राष्ट्र व तिरंगे की शान के लिये अपना प्राण न्योछावर कर दे। लेकिन ऐसा सौभाग्य कम को ही मिलता है। चंदन शुक्रवार को घर वापस तो आया, लेकिन तिरंगे में लिपट कर। वहीं अपने बहादुर बेटे को तिरंगे में लिपटा देख हजारों लोग रो पड़े। शहीद बेटे को नमन करने पहुंचे सभी की आंखें नम थी। किसी को बेटा, तो किसी को भाई व दोस्त को खोने का गम था। इस मौके पर सेना के अफसरों ने चंदन के पिता को यही बात कही कि आप बहुत बड़े किस्मत वाले हैं कि आपका बेटा मां भारती के काम आ गया। सबका ऐसा नसीब कहां।
भगवान इंद्र ने भी बारिश कर दी शहीद चंदन को सलामी
आरा। ज्ञानपुरा गांव में शहीद चंदन की अंतिम विदाई का भगवान भी गवाह बने। पिता के मुख्गनि देते ही भगवान इंद्र भी जमकर बरसे। मानों इंद्र भी शहीद को सलामी दे रहे हों। शहीद का अंतिम संस्कार घर से लगभग आधा किमी दूर बनास नदी के किनारे स्थित गोवर्धन स्थल के समीप बनाये गये शेड में हुआ। दोपहर करीब 12 बजे अंतिम संस्कार किया गया। पिता ने बेटे को मुखाग्नि दी, तो बारिश शुरू हो गयी। हालांकि मौसम को देखते हुये पहले से ही इसकी तैयारी कर ली गयी थी। इसके लिये शेड व दो पंडाल लगाये गये थे।
जगदीशपुर के ज्ञानपुरा गांव निवासी वीर चंदन ने देश की खातिर दे दी जान
बिहार रेजिमेंट व बिहार पुलिस ने संयुक्त रूप से शहीद को दी सलामी
आरा। शहीद चंदन को अंतिम विदाई देने से पहले सशस्त्र बलों द्वारा सलामी भी दी गयी। इस अवसर पर बिहार रेजिमेंट व बिहार पुलिस के जवानों ने 84 राउड फायरिंग कर सलामी दी। शहीद के सम्मान में अपने शस्तत्रों को भी झुका दिया। सभी ने पांच मिनट का मौन भी रखा। इस दौरान चीन के विरोध व भारत माता के नारे लगते रहे। शहीद चंदन अमर रहें के गगनभेदी नारे भी लगाये गये। साथ ही लोग तिरंगा भी लहरते रहे।
मुखाग्नि देने से पहले फफक-फफक कर रोने लगे शहीद के तीनों भाई
मुख्गन्नि देने के बाद शहीद के पिता भी बेसुद हो लगे रोने
शहीद के सेना जवान के साथी भी अंतिम संस्कार के वक्त गम में गये डूब
आरा। ज्ञानपुरा गांव के सेना के जवान को मुखाग्नि देने से पहले उसके तीनों भाई फफक-फफक कर रोने लगे। वहीं मुखाग्नि देने के बाद पिता भी बेसुध पड़े हैं। शहीद चंदन चार भाई है। एक के शहीद होने के बाद बचे तीनों भाई एक साथ थे। पिता को मुख्गानि देने के पहले जब सभी निगाहें इन्हें पर थी कि अब क्या हो रहा है ? पिता के मुखाग्नि देने से पहले बड़े भाई देव कुमार, सुमित व गोपाल अपनो को रोक नहीं पाये। तीनों ने फफक-फफक कर रोने लगे। मुख्गन्नि देने के बाद शहीद के पिता भी बेसुध हो लगे रोने लगे। यह दृश्य उपस्थित हजारों लोगों के लिए हृदयविदारक व कलेजा चीरने वाला रहा। दानापुर से चल कर आये शहीद जवान के साथी भी साथी के खोने के काफी गम में दिखें। उनकी भी आंखे पुरी तरह नम रही।
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