Shahpur Assembly – वही रूप वही रंग,बोल चाल,बबुआ त गऊंआ लेखा लागत बाड़न
Shahpur Assembly शाहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी एक महिला शोभा देवी अपने पुत्र राकेश ओझा को साथ लेकर सेमरिया सहित अन्य गांवों में आम अवाम के बीच महिलाओं के बीच जब पहुंची राकेश ओझा को देखते ही लोग कहने लगे लगता बा हमारे विशेश्वर फिर आ गये। वही रूप वही रंग,बोल चाल,बबुआ त गऊंआ लेखा लागत बाड़न। और लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन गये राकेश ओझा। जनसंपर्क के बढ़ते करवा के साथ समर्थकों का भारी भीड़ बढ़ता गया। जैसे राकेश ओझा में लोगों ने अपने विशेश्वर को देख लिया हो।
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लोगों के जुबान पर क्यों और कौन है विशेश्वर ओझा
आपको बता दें कि भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के ओझवलिया गांव में ब्राह्मण परिवार में जन्मे विशेश्वर ओझा अपने कुशल नेतृत्व के बदौलत शाहपुर विधानसभा में काफी लोकप्रिय रहे। लोग उन्हें आदर पूर्वक गऊंआ कह संबोधित करते,जिसका मान विशेश्वर ओझा ने अपने जीवन पर्यन्त,अंतिम समय तक रखा। इरादों के मजबूत व्यक्तित्व के धनी विशेश्वर ओझा बिहार प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष थे। इस कद्दावर भाजपा नेता की लग्न के समय अपने लोगों के यहां शादी समारोह में शामिल होकर लौटते समय सोनवर्षा गांव में घात लगाये अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी। हत्या की खबर ने जैसे लोगों को शोक से स्तब्ध कर दिया था। पर समय कहा रुकनेवाला था बढ़ता गया। लोगों को विश्वास था Shahpur Assembly चुनाव में इनकी पत्नी शोभा देवी को टिकट दे भाजपा अपने नेता का सम्मान करेगी पर ऐसा नही हुआ। विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही विशेश्वर ओझा के समर्थक अपने नेता के प्रति भावुक थे और इनकी पत्नी शोभा देवी की टिकट देवेदारी को ले कन्फर्म थे। राजनीत में इनके पुत्र राकेश विशेश्वर ओझा ने पटना से दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाई। भाजपा ने इन्हें युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति में जगह दी पर टिकट से वंचित कर दिया।
नामांकन के दौरान भाकपा (माले) राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम के सभी वरीय नेता थे उपस्थित
पुलिस ने कहा न्यायालय द्वारा मुखिया बुटेश्वर यादव को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी किया गया है
राकेश ओझा ने कहा कि शाहपुर की मासूम जनता के भावनाओं के साथ खेल रहे है मंटू तिवारी व भुअर ओझा
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