Shahpur Nagar Meeting : शाहपुर नगर पंचायत में EO की जगह वरीय पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह (नगर प्रबंधक) के रहते नव नियुक्त स्वच्छता पदाधिकारी द्वारा बैठक बुलाने पर पार्षद हुए नाराज ।
- हाइलाइट्स :Shahpur Nagar Meeting
- नव नियुक्त स्वच्छता पदाधिकारी मंजीत अरोड़ा के द्वारा बतौर EO पार्षदों को भेजी गई सूचना
Shahpur Nagar Meetingआरा/शाहपुर: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत के सभा भवन में आयोजित आगामी सशक्त और मासिक बैठक को लेकर अधिकांश पार्षद सदस्यों ने नगर पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता का अभाव व जमकर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए इसकी सूचना नगर विकास व आवास विभाग को भेजने और माननीय उच्च न्यायालय में याचिका फाइल करने की बात कही। उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी सहित नगर के कई वार्ड पार्षद सदस्यों ने आरोप लगाया कि कार्यों में पारदर्शिता का घोर अभाव देखा जा रहा है।
शाहपुर नपं के कार्यपालक पदाधिकारी नेशात आलम की जगह नव नियुक्त स्वच्छता पदाधिकारी मंजीत अरोड़ा के देख रेख में सशक्त और मासिक बैठक बुलाई जा रही है तथा संचालित की जा रही है। जबकि वरीय पदाधिकारी के रूप में मृत्युंजय कुमार (नगर प्रबंधक) यहां मौजूद है। यह बिहार नगर पालिका अधिनियम के विरुद्ध है। एक ही तिथि पर बतौर कार्यपालक पदाधिकारी की जगह मंजीत अरोड़ा ने अपने हस्ताक्षर से दो बैठकों की सूचना पार्षद व सशक्त स्थायी सदस्यों को भेजी गई है।
उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी ने आरोप लगाया कि बैठक में प्रोसेडिंग बुक पर पहले हस्ताक्षर कराया जाता है। जिन प्रस्ताव पर चर्चा होती है, लिखित जबाब भी दिया जाता है। उसकी जगह दूसरे प्रस्ताव को प्रोसेडिंग बुक में मनमाने ढंग से लिखा जाता है। इतना ही नहीं कार्यों में जमकर मनमानी की जाती है और सदस्यों को कुछ भी जानकारी नहीं दी जाती। जिसका पूर्व में विरोध किया गया है और बैठक का बहिष्कार किया गया है। नगर पंचायत में डस्टबिन, लाइट वगैरह सहित अन्य सामान की पूर्व में जो खरीद की गई है उसकी पूर्ण जानकारी अभी तक पार्षदों को नहीं दी गई है। इतना ही नहीं फर्जी पीसीसी सड़कों व नाला निर्माण के संबंध में सूचना कार्यपालक पदाधिकारी को दि गई है लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई है । सफाई के नाम पर एनजीओ द्वारा जमकर लूट-खसोट की जा रही है। लेकिन कारवाई शून्य है।
इधर, उपमुख्य पार्षद सहित कई पार्षद सदस्यों का कहना है कि कार्यपालक पदाधिकारी के हस्ताक्षर से निर्गत बैठक ही उनके द्वारा मान्य होगा अन्यथा एनजीओ की सेवा संपुष्टि जैसे गंभीर विषयों पर कार्यपालक पदाधिकारी की अनुपस्थिति से सरकार के दिशा निर्देशों का सही अनुपालन नहीं होना बताया गया। कार्यपालक पदाधिकारी के अनुपस्थिति में वरीय पदाधिकारी के रहते नवनियुक्त स्वच्छता पदाधिकारी के द्वारा सशक्त और मासिक बैठक कराने व संचालन करने के संबंध में पार्षदों ने इसे गलत बताया और इसकी सूचना नगर विकास व आवास विभाग को भेजने तथा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका फाइल करने की बात कही गई।