Wednesday, December 18, 2024
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स्कैम की चपेट में शाहपुर नपं: सफाई कर्मियों के पैसे लूटने का नया पैंतरा

Shahpur NP – Money Scam: हकीकत यह है कि शाहपुर नगर पंचायत में 40 की जगह आधे से भी कम कार्यरत इन सफाई कर्मियों को उनकी मेहनत का न्यायोचित पारिश्रमिक तक नहीं मिल रहा है।

  • हाइलाइट : Shahpur NP – Money Scam
    • सफाई एजेंसी को दी जा रही है हर माह 11 लाख 87 हजार से अधिक की धनराशि
    • बिना सत्यापन आखिर कैसे इतनी बड़ी सरकारी धनराशि की निकासी की जा रही है?
    • सफाई एजेंसी के कार्यों का सत्यापन नगर के किस पदाधिकारी द्वारा किया जा रहा है?
    • 40 की जगह आधे से भी कम है सफाई कर्मियों की संख्या, सफाई कार्य किया बंद

Shahpur NP – Money Scam आरा: शाहपुर नगर पंचायत में कार्यरत सफाई कर्मियों के साथ ठगी का न्या मामला सामने आया है, 40 की जगह आधे से भी कम कर्मियों द्वारा सफाई कार्य कराया जा रहा है। नये श्रमिकों से एक या दो हफ्ते काम लेने के बाद फिर उसको हटा दिया जा रहा है। जबकि संसाधन विहीन सफाई एजेंसी को इस कार्य के लिए हर महीने 11 लाख 87 हजार से अधिक की धनराशि दी जा रही हैं। ज्यादा काम की वजह से सफाई कर्मियों की स्थिति चिंताजनक है और उन्होंने नगर में सफाई कार्य को बंद कर दिया है। सफाई एजेंसी पर अब तक कोई कारवाई नहीं होना नगर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है।

बता दें की सफाई एजेंसी प्रताप सेवा संकल्प गोविंद फूलकान मुजफ्फरपुर द्वारा सफाई कर्मियों के लिए सभी संसाधन और लाभ प्रदान करने का दावे के साथ नगर पंचायत शाहपुर से कुल 21 बिंदुओं पर एकरारनामा किया गया था। जिसमे सभी कर्मियों को खाते में पैसा दिए जाने का अग्रीमेंट है। लेकिन हकीकत यह है कि नगर में 40 की जगह आधे से भी कम कार्यरत इन सफाई कर्मियों को उनकी मेहनत का न्यायोचित पारिश्रमिक तक नहीं मिल रहा है। इन सफाई कर्मियों ने शिकायत की है कि उन्हें उनके खाते में पैसा नहीं देकर मूल वेतन एवं पीएफ से वंचित किया जा रहा है, 40 की जगह आधे से भी कम श्रमिकों से पूरे नगर का काम लिया जा रहा है। इसके बावजूद समय से पूरा पैसा नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण सफाई कार्य बंद कर दिया गया है।

Shahpur NP – Money Scam: बिना सत्यापन पैसे की निकासी कैसे? पूर्व मुख्य पार्षद

आखिर कैसे इतनी बड़ी राशि की निकासी की जा रही है? सफाई एजेंसी के कार्यों का सत्यापन किस पदाधिकारी द्वारा किया जा रहा है? यह घोटाला स्वच्छता के कार्य को प्रभावित करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार के दायरों में भी एक नई परत जोड़ता है। पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा की सफाई एजेंसी की मनमानी से नगर की स्वच्छता पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। भ्रष्टाचार की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए भोजपुर जिलाधिकारी द्वारा उचित जांच करानी चाहिए ताकि दोषियों पर आवश्यक कानूनी कारवाई हो सके।

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