Friday, July 5, 2024
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शेरगढ़ का किला, कहां खुलती हैं ये सुरंगें? छुपी है शेरशाह की अरबो की दौलत

कहते है इन्हीं सुरंग में छुपी है शेरशाह की अरबो की दौलत

Shergarh Fort in Rohtas District : बिहार के रोहतास जिले का शेरगढ़ का किला, किले में सैकड़ों सुरंगें और तहखाने हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सुरंगें कहां खुलती हैं, इसके बारे में आज तक किसी को भी पता नहीं चला।

  • हाइलाइट : Shergarh Fort in Rohtas District
    • कहते है इन्हीं सुरंग में छुपी है शेरशाह की अरबो की दौलत
    • सुरंगों का राज सिर्फ शेरशाह सूरी और उनके भरोसेमंद सैनिकों को ही पता था

Shergarh Fort in Rohtas District खबरे आपकी: प्राचीन भारत का एक अभिन्न अंग बिहार को समृद्धि और सांस्कृतिक विरासत का भंडार माना जाता है। इस प्रदेश के गर्भ से उदय हुए अनेक ऐतिहासिक स्थलों में से एक है रोहतास जिले का शेरगढ़ का किला। यह किला न केवल अपने प्राचीन इतिहास और कलात्मक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, अपितु यह भारतीय संप्रभुता को प्रतीकित करने वाला एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। कैमूर की पहाड़ियों पर मौजूद इस किले की बनावट दूसरे किलों से बिल्कुल अलग है। यह किला इस तरह से बनाया गया है कि बाहर से यह किला किसी को भी नहीं दिखता। किला तीन तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है, जबकि इसके एक तरफ दुर्गावती नदी है।

इस किले में सैकड़ों सुरंगें और तहखाने हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि ये सुरंगें कहां खुलती हैं, इसके बारे में आज तक किसी को भी पता नहीं चला। किले के अंदर जाने के लिए एक सुरंग से होकर गुजरना पड़ता है जो की आपको कुछ समय के लिए इतिहास में होने का अनुभव कराता है| कहते हैं कि अगर इन सुरंगों को बंद कर दिया जाये, तो किला किसी को दिखाई भी नहीं देगा। इस किले को शेरशाह सूरी ने अपने दुश्मनों से बचने के लिए बनवाया था। इस किले को इस तरह बनवाया गया है कि हर दिशा में अगर दुश्मन कोसों दूर भी रहे तो उसे आते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है। वो अपने परिवार और सैनिकों के साथ यही पर रहते थे।

किले का निर्माण महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। शेरगढ़ का किला सन् 1540 से 1545 के बीच निर्मित एक प्रभावशाली किला है, जो सदियों से इस क्षेत्र का प्रमुख संरक्षण और रक्षा केंद्र रहा है। यह किला अपने शानदार वास्तुकलात्मक गुणों, भव्य दीवारों, बुर्जों और महल-प्रासादों के कारण विश्वविख्यात है। इसकी निर्माण तकनीक और शिल्पकारी की विशिष्टता को देखकर लगता है कि यह किला प्राचीन भारतीय वास्तुकला के उच्चतम नमूनों में से एक है। इसकी सुरंगों का राज सिर्फ शेरशाह सूरी और उनके भरोसेमंद सैनिकों को ही पता था। इस किले से एक सुरंग रोहतास गढ़ किले तक जाती है, लेकिन बाकी सुरंगें कहां जाती हैं, ये किसी को नहीं पता।

प्रचलित कथाओं के अनुसार “जो जाएगा, वापस नहीं आएगा”, किले में तहखानो का जाल है , कहते है इन्हीं सुरंग में छुपी है शेरशाह की अरबो की दौलत, दुनिया का सबसे रहस्यमई कीलाओ में से एक है यह किला। दुनिया में ऐसे कई किले हैं, जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं। ऐसा ही रहस्यमई कीलाओ मे से एक है बिहार के रोहतास जिले में स्थित यह किला, जिसे ‘शेरगढ़ का किला’ कहा जाता हैं।

वर्तमान में, शेरगढ़ का किला भारत सरकार के पुरातत्व विभाग के अंतर्गत एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल के रूप में संरक्षित है। यह किला न केवल भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि इसकी वास्तुकला और कलात्मक विरासत भी अद्वितीय हैं। यह किला न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि इतिहासकारों, पुरातत्वविदों और कला-प्रेमियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्ययन केंद्र है।

निष्कर्ष के रूप में, शेरगढ़ का किला न केवल बिहार के इतिहास और संस्कृति का अमूल्य गहना है, बल्कि यह भारतीय स्वाधीनता और राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है। यह किला हमारे प्राचीन वास्तुकला और शिल्प-कला के उच्चतम मानक को प्रदर्शित करता है और हमें अपनी समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का अवसर प्रदान करता है।

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