दुनियां में जिंदा रखना ही नहीं था, तो दिया क्यों.. दो
दवा काम नहीं आयी तो दुआ मांगने मासूम बच्ची का शव लेकर मंदिर पहुंचा परिवार
शहर के शिवगंज दुर्गा मंदिर की मंगलवार सुबह की घटना
दुर्गा मंदिर के गेट पर बच्ची का शव रख सांस लौटाने की गुहार लगाती रही बुआ
अचानक तबीयत बिगड़ने से पांच दिन की बच्ची की मौत के बाद परिजन बेहाल
आरा। भोजपुर में दवा से बच्ची की जान नहीं बची, तो परिजन दुआ की आस में मां दुर्गा के दरबार में पहुंच गये। परिजन दुर्गा मंदिर के गेट पर बच्ची का शव रख से जिंदा करने की अरदास लगाने लगे। हालांकि माता रानी के दरबार में काफी देर तक माथा टेकने के बाद भी बच्ची जिंदा नहीं हुई, तो परिजन निराश होकर लौट गये। घटना आरा शहर के शिवगंज दुर्गा मंदिर की मंगलवार की सुबह की है। इधर, घटना की सूचना मिलने पर काफी संख्या में लोग भी मंदिर के पास पहुंच गये। इसे लेकर देर तक अफरातफरी मची रही। दरअसल मामला यह है कि पीरो थाना क्षेत्र के जितौरा बाजार निवासी चंदन केशरी की पत्नी खुशबू देवी को पांच रोज पहले बच्ची हुई थी। रविवार की रात बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गयी। उसके बाद इलाज के लिए पीरो स्थित अस्पताल ले जाया गया। वहां बच्ची के पेट में दर्द और गैस होने की बात कही गयी। प्राथमिक इलाज के बाद उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन आरा सदर अस्पताल लाने से पहले ही बच्ची की मौत हो गयी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। उससे निराश परिजन बच्ची का शव लेकर शिवगंज दुर्गा मंदिर पहुंचा और माता रानी से बच्ची की जीवन की दुआ मांगने लगा। मंदिर का गेट बंद होने पर चंदन केशरी की बहन गेट पर ही बैठ गई और मां दुर्गा से बच्ची की प्राण वापस करने की गुहार लगाने लगी। इस दौरान चंदन की बहन ने मां दुर्गा को इतना तक कह दिया कि बच्ची को दुनियां में जिंदा रखना ही नहीं था, तो दिया क्यों। वह मंदिर के गेट पर माथा पीट-पीटकर बच्ची की सांस लौटाने की मांग करती रही।
एक साल पहले हुई थी खुशबू व चंदन की शादी, मृत बच्ची पहली संतान
जितौरा बाजार निवासी चंदन केशरी गांव में अंडा बेचता है। उसकी पिछले साल खुशबू से शादी हुई थी। दोनों की पहली संतान के रूप बेटी पैदा हुई थी। ऐसे में उसकी मौत से परिजन काफी बेहाल थे। चंदन ने बताया कि पांच दिन पहले पत्नी खुशबू देवी को पीरो के एक निजी अस्पताल में बच्ची हुई। लेकिन जिसके बाद मेरी बहन शव को दुर्गा उसने बताया कि यह उसी पहली बेटी थी। परिजनों का कहना था कि घर में बच्ची का आगमन काफी शुभ होता है। पहली संतान के रूप में बच्ची लक्ष्मी का रूप होती है। लेकिन बच्ची की मौत ने पूरे परिजनों को झकझोर दिया। कहा कि उसकी बहन मां दुर्गा की बहुत पूजा करती है। उसको दुर्गा मां से काफी उम्मीदें थी। उस कारण ही वह मौत के बाद बच्ची का शव लेकर अस्पताल से माता के दरबार में आ गई। हालांकि चंदन अपनी बहन व परिवार के सदस्य को समझा बुझाकर घर ले गया।