Sunday, December 22, 2024
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रामलला के लिए भोजपुर से अयोध्या जाएगी तुलसी जी की माला

Tulsi Mala खबरे आपकी आरा: अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में भोजपुर की भी उपस्थिति रहेगी। रामलला के लिए भोजपुर से ही तुलसी जी की माला जाएगी। इसके लिए जिले के संदेश प्रखंड के पंडुरा में तुलसी जी की 10 माला को तैयार किया जा रहा है। 16 जनवरी से मंदिर में शुरू हो रहे अनुष्ठान के लिए रोज यहां से तुलसी जी की ताजा पत्तियों की एक माला भेजी जाएगी। हर माला का वजन औसतन एक किलो होगा। माला के साथ अनुष्ठान में बनने वाले महाप्रसाद के लिए तुलसी पत्ता भी यहीं से जाएगा।

ट्रेडिंग समहू के जरिए प्राप्‍त हुआ तुलसी माला का कार्य
रामलला की माला (Tulsi Mala) के लिए पंडुरा में खासतौर पर एक बीघे में तुलसी जी की खेती की गई है। वहीं, पौधे की कलगी और पत्तियों से माला बनाने के लिए बेंगलुरु से आए कारीगर दिन-रात काम में जुटे हैं। तुलसी जी की खेती करने वाले पंडुरा गांव के अभिजीत सिंह एकवारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक भी हैं। उन्होंने बताया कि वे गांव में धान-गेहूं और सरसो की खेती भी कराते हैं और फसल की विपणन के लिए एक ट्रेडिंग समहू से जुड़े हुए हैं।

उसी ग्रुप से जुड़े रघु ने पिछले साल जुलाई में उनसे श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए तुलसी जी की माला की आवश्यकता बताते हुए इसकी खेती करने का प्रस्ताव दिया, रघु ने उन्हें बताया कि वे अयोध्या मंदिर के महंथ गोपाल दास जी महाराज के संपर्क में हैं और उनकी यह इच्छा है कि भोजपुर से श्रीराम लला के लिए तुलसी जी की माला आए।

पूरी खेती में आया 30 से 35 हजार रुपये का खर्च
अभिजीत ने बताया कि प्रभु श्रीराम की सेवा का इससे अच्छा मौका उन्हें नहीं मिल सकता था और तुलसी जी का बीज लाकर उन्होंने पहले अपनी नर्सरी तैयार की और एक बीघा खेत में उसे रोप दिया। पूरी खेती में लगभग 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आया। अयोध्या से मंदिर ट्रस्ट के लोग उनकी खेती का अपडेट भी लेते रहे। एक सप्ताह पूर्व अयोध्या मंदिर ट्रस्ट की ओर से बंगलुरु से नारायण स्वामी, गिरीश और मोरप्पा नाम के तीन कारीगरों को यहां पौधे की कटाई और माला (Tulsi Mala) बनाने के लिए भेजा गया।

कारीगर नारायण स्वामी ने बताया कि वे लोग बंगलुरु में राम मंदिर के लिए तुलसी की माला तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि तुलसी जी के पौधे की कलगी और पत्तियों को 12 रेशम के धागे में पिरो कर माला को तैयार किया जाता है। रेशम के धागे वह साथ लेकर आए हैं।

16 जनवरी से हर दिन चढ़ाई जाएगी एक तुलसी की माला
माला को भोजपुर से अयोध्या भेजने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद के सह मंत्री अभिषेक चौरसिया को दी गई है। उन्होंने बताया कि आयोजन समिति के कामेश्वर चौपाल का दिसंबर में उन्हें फोन आया और उन्होंने पंडुरा में हो रही तुलसी जी की खेती की जानकारी देते हुए वहीं से श्रीरामलला के लिए माला आने की जानकारी दी।

अभिषेक ने बताया कि 16 जनवरी से शुरू हो रहे अनुष्ठान के लिए एक दिन पहले से रोज तुलसी जी की माला आरा से फरक्का एक्सप्रेस से अयोध्या भेजी जाएगी। मंदिर ट्रस्ट ने इसके लिए फरक्का एक्सप्रेस से गार्ड और लोको पायलट से समन्वय करा दिया है। वहीं, मुख्य समारोह में महा प्रसाद के लिए तुलसी जी का पत्ता अलग से गाड़ी से भेजा जाएगा।

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