Sahar: सहार थाना क्षेत्र के गोडिहां गांव में शनिवार की देर शाम यज्ञ के दौरान चल रहे भंडारे में उपजे विवाद को लेकर हथियारबंद लोगो द्वारा दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- हाइलाइट :-
- यज्ञ के भंडारे में उपजे विवाद को लेकर हुआ दोहरा हत्याकांड
- एक ने घटनास्थल एवं दूसरे ने इलाज के लिए आरा लाने के दौरान रास्ते में तोड़ा दम
- घटनास्थल पर पहुंच मामले की छानबीन में जुटी पुलिस
- सहार थाना क्षेत्र के गोडिहां गांव में शनिवार की देर शाम घटी घटना
Sahar आरा: भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के गोडिहां गांव में शनिवार की देर शाम यज्ञ के दौरान चल रहे भंडारे में उपजे विवाद को लेकर हथियारबंद लोगो द्वारा दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। एक ने घटनास्थल पर एवं दूसरे ने इलाज के लिए आरा लाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया। सारेशाम हुए डबल मर्डर की वारदात के बाद गांव एवं आसपास के इलाके में सनसनी मच गई है। सूचना मिलते ही सहार (Sahar) थानाध्यक्ष शिवेंद्र कुमार अपने पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच मामले की छानबीन में जुट गए हैं।
जानकारी के अनुसार मृतको में सहार (Sahar) थाना क्षेत्र के गोडिहां गांव निवासी देव कुमार महतो का 27 वर्षीय पुत्र कृष्ण कुमार एवं दूसरा उसी गांव के निवासी जनेश्वर यादव का 32 वर्षीय पुत्र लल्लू यादव है। इधर, मृतक कृष्ण कुमार के भाई मुन्ना कुमार ने बताया कि लालू यादव का उसके चाचा छोटक यादव से पूर्व से आसपी रंजिश चली आ रही है। शनिवार को उनके गांव में पहियारी जी महाराज का यज्ञ का आयोजन किया गया था। आयोजन के दौरान शनिवार की देर शाम भंडारा चल रहा था। उसी भंडारे के बीच छोटक यादव और लालू यादव के बीच पुरानी रंजिश को लेकर नोकझोंक हुई। जिसके बाद छोटक यादव द्वारा भंडारे के दौरान ही फायरिंग कर दी गई।
फायरिंग की आवाज सुनते ही लोगों के बीच भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। इस बीच लालू यादव भी भागने के क्रम में उनके दरवाजे पर आ गया। तभी छोटक यादव भी वहां आ गया और कहने लगे कि तुम लोगो ने ही उसे घर में क्यों छुपाया है। जब उन्होंने कहा कि मैंने उसे घर में नहीं छुपाया है। तभी उसने पहले उसके भाई कृष्ण कुमार को खड़ा कर गोली मारी। इसके बाद उसने लालू यादव को भी गोली मार दी। जिससे लालू यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि उसका भाई कृष्ण कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। इसके बाद परिजन द्वारा उसे इलाज के लिए आनन-फानन में आरा लाया जा रहा था। तभी उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजन उसे आरा सदर अस्पताल ले आए। जहां चिकित्सक ने देखा उसे मृत घोषित कर दिया। इसके पश्चात परिजन ने इसकी सूचना सदर अस्पताल में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारी को दी। सूचना पाकर पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवाया। वहीं लल्लू यादव के शव का सहार थाना पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया।
वहीं दूसरी ओर मृतक कृष्ण कुमार के भाई मुन्ना कुमार ने गांव के ही मृतक लल्लू यादव के चाचा पर अपने भाई कृष्णा कुमार एवं लालू यादव की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया है। बहरहाल पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है। इस मामले में एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि देर संध्या में सहार (Sahar) थाना अंतर्गत गोडिहां गांव में प्राप्त सूचना के अनुसार एक भंडारा का कार्यक्रम चल रहा था। जिसमें वही के लल्लू प्रसाद यादव खाना खा रहे थे। प्राथमिक जानकारी के अनुसार उनके पड़ोसी जिससे पूर्व के दुश्मनी चल रहे थे। उसका भांजा बृजेश कुमार से कुछ बाताबाती के बाद दो गोली चला दी। जिसमें एक गोली लल्लू प्रसाद यादव के सिर में लग गई तथा दूसरी गोली बगल में खाना खा रहे कृष्णा महतो को लग गई। जिसमें प्राथमिक जानकारी के अनुसार दोनों की मृत्यु हो चुकी है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत पहुंच गई तथा अन्य सीनियर पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ले रहे हैं। अभियुक्तों का नाम ज्ञात है। पुलिस टीम अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है।
उन्होंने ने बताया कि पूर्व के विवाद के अतिरिक्त भी अगर कोई घटना का कारण है तो उसको पता किया जा रहा है। एसपी ने बताया कि कृष्णा महतो को गांव में दूसरी जगह गोली मारे जाने बात जो कही जा रही है। जबकि स्पष्ट करना चाहता हूं कि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पीरों वहीं पर है। उनका बताना है कि प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लल्लू को गोली जब मारी गई, तो लोग भागने लगे। उसी क्रम में अभियुक्त ने सोचा कि ये दूसरे पक्ष का है, जो भाग रहा है और उसके ऊपर भी गोली चला दी और उसको गोली पेट में लगी। बताया जाता है कि मृतक कृष्ण कुमार अपने चार भाई व तीन बहन में छोटा था एवं अहमदाबाद में रहकर प्राइवेट कंपनी में काम करता था। वह कुछ दिन पूर्व ही वापस गांव लौटा था। उसके परिवार में तीन भाई मुन्ना, वीरेंद्र सहेंद्र व तीन बहन रेवंती, फुलवंती एवं जयंती है। मृतक की मां फूलझारो देवी की मृत्यु कुछ वर्ष पूर्ण हो गई थी। घटना के बाद मृतकों के घर में हाहाकार मच गया है। घटना के बाद मृतकों के परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।