Wednesday, April 2, 2025
No menu items!
HomeNewsएक ऐसा थाना जहाँ अपनी कुर्सी पर नही बैठते थानेदार

एक ऐसा थाना जहाँ अपनी कुर्सी पर नही बैठते थानेदार

Varanasiथानेदार की कुर्सी पर बाबा काल भैरव- बगल की कुर्सी पर बैठते है थानेदार

खबरे आपकी वाराणसी: उत्तर प्रदेश में एक पुलिस स्टेशन ऐसा भी है कि जहां थानेदार की कुर्सी पर आज तक किसी अधिकारी ने बैठने की हिम्मत नहीं जुटाई। जी हां, वाराणसी के एक थाने में थानेदार की कुर्सी पर बाबा काल भैरव अपना आसन पिछले कई सालों से जमाए हुए हैं। अफसर बगल में कुर्सी लगाकर बैठते हैं।

BK

कोतवाल की कुर्सी पर विराजते हैं बाबा काल भैरव

Mathematics Coching shahpur
Mathematics Coching shahpur

Varanasi वाराणसी के विश्वेश्वरगंज स्थित कोतवाली पुलिस स्टेशन में ये परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। यहां कोई भी थानेदार जब तैनाती में आया तो वो अपनी कुर्सी पर नहीं बैठा। कोतवाल की कुर्सी पर हमेशा काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव विराजते हैं। लोगों का मानना है कि आने-जाने वालों पर बाबा खुद नजर बनाए रखने के कारण भैरव बाबा को वहां का कोतवाल भी कहा जाता है। बाबा की इतनी मान्यता है कि पुलिस भी बाबा की पूजा करने से पहले कोई काम शुरु नही करती।

पढ़ें- शिक्षा के जरिए ही जनसंख्या-नियंत्रण संभव,कानून लाकर तो हम बागी तैयार कर बैठेंगे

परंपरा की शुरुआत कब और किसने की?

माना जाता है कि बाबा विश्वनाथ ने पूरी काशी नगरी (Varanasi) का लेखा-जोखा का जिम्मा काल भैरव बाबा को सौंप रखा है। यहां तक कि बाबा की इजाजत के बिना कोई भी व्यक्ति शहर में प्रवेश नहीं कर सकता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी तक किसी भी थानेदार को अपनी कुर्सी पर बैठते नहीं देखा। बगल में कुर्सी लगाकर ही प्रभारी निरीक्षक बैठता है। हालांकि, इस परंपरा की शुरुआत कब और किसने की, ये कोई नहीं जानता। लोगों का ऐसा मानना है कि यह परंपरा कई सालों पुरानी ही है। माना जाता है कि साल 1715 में बाजीराव पेशवा ने काल भैरव मंदिर बनवाया था। यहां आने वाला हर बड़ा प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सबसे पहले बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेता है।

Varanasi

पढ़ें- राजद नेता मनोज यादव सहित दो को बोलेरो ने मारी ठोकर,एक की मौत

काल भैरव मंदिर में हर दिन 4 बार आरती

बता दें कि काल भैरव मंदिर में हर दिन 4 बार आरती होती है। जिसमें रात के समय होने वाली आरती सबसे प्रमुख होती हैं। आरती से पहले बाबा को स्नान कराकर उनका श्रृंगार किया जाता है। खास बात यह है कि आरती के समय पुजारी के अलावा मंदिर के अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं होती। बाबा को सरसों का तेल चढ़ता है। साथ ही एक अखंड दीप बाबा के पास हमेशा जलता रहता है।

पढ़ें- आरा शहर के विष्णु नगर से एक जून को अगवा की गयी थी फौजी की बेटी-पुलिस तफ्तीश

- Advertisment -
शाहपुर यज्ञ समिति
शाहपुर यज्ञ समिति

Most Popular