Friday, December 27, 2024
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संभावना स्कूल में दिख रहा कला, साहित्य और विज्ञान का समागम- अमरेन्द्र प्रताप सिंह

संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के रजत जयंती समारोह में कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की छात्र-छात्राओं ने अपनी कलाकारी दिखाई।

Sambhavna School – Silver Jubilee : संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के रजत जयंती समारोह में कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की छात्र-छात्राओं ने अपनी कलाकारी दिखाई।
  • हाइलाइट : Sambhavna School – Silver Jubilee
    • कैरेक्टर बिल्डिंग के लिए शिक्षा पद्धति को सूधारना होगा-श्रीकृष्ण सिंह
    • विद्यालय के दो दिवसीय रजत जयंती समारोह का शुभारंभ
    • विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह व अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का किया उद्घाटन
    • अतिथियों द्वारा कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का किया गया स्वावलोकन
    • विद्यालय के रजत जयंती के अवसर पर स्मारिका का ‘प्रतिबिंब’ का हुआ लोकार्पण

Sambhavna School – Silver Jubilee : आरा शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा स्थित संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के रजत जयंती के दो दिवसीय समारोह का आगाज गुरुवार को धूमधाम से हुआ। रजत जयंती समारोह का उद्घाटन आरा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य अतिथि पूर्व सह थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्ण सिंह, विशिष्ट अतिथि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेंद्र तिवारी, कर्नल राणा प्रताप सिंह (सेनि), निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र, प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रथम दिन वर्ग प्री प्राइमरी से लेकर 5 तक के बच्चे समारोह में शामिल हुए। संचालन वरीय शिक्षक अरविंद ओझा, छात्र आलोक आतुल्य एवं छात्रा साक्षी राज ने किया। स्वागत गीत स्कूल की छात्र-छात्राओं द्वारा पेश किया गया।

इस मौके पर अतिथियों द्वारा बच्चों द्वारा निर्मित कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का स्वावलोकन किया गया। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा विद्यालय की स्मारिका “प्रतिबिंब” का विमोचन किया गया। उद्घाटनकर्ता आरा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि संभावना स्कूल आज अपनी रजत जयंती मना रहा है। इस विद्यालय ने खुद श्रम व संसाधन के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। हमारे देश की शिक्षा पद्धति पुरातन रही है। सबसे पहले सभ्यता की शुरुआत भारत से हुई है और दुनिया के कोने-कोने में पहुंची है। शिक्षा के महत्व को उकेरने का श्रेय इसी धरती को जाता है। इस विद्यालय में कला, साहित्य और विज्ञान का समागम दिखाई दे रहा है। इसके लिए सभी बधाई के पात्र है।

मुख्य अतिथि पूर्व सह थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्ण सिंह ने कहा कि पुराने समय में शिक्षण व्यवस्था निम्न था, जबकि शिक्षा का स्तर ऊंचा था। पहले शिक्षा पर हमें गर्व है। पहले अभिभावक बच्चों की गलती शिक्षक से बताते थे, तो बच्चे डरते थे। आज समय बदल गया है। आज शिक्षक ही बच्चे की गलती उनके अभिभावकों से बता रहें हैं। कैरेक्टर बिल्डिंग के लिए शिक्षा पद्धति को सूधारना होगा। शिक्षा ही सभी चीजों की नींव है।

Pintu bhaiya
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विशिष्ट अतिथि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि पुरातन संस्कृति में वर्णित है कि वह पुत्री, जो अपने दोनों वंश को पवित्र कर देती है। इसका उदाहरण विद्यालय के प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह है। भारत के ऋग्वैद्र को साधने का प्रयास इस विद्यालय के शिक्षण कार्य में दिखता है। विद्यालय की शिक्षा वहां के छात्र-छात्राओं से पहचानी जाती है। उन्होंने बच्चों के कला एवं शिल्प प्रदर्शनी की जमकर प्रशंसा की, कहा कि आज सभी देश के लोग दुविधा में है। जहां सुविधा है, वही दुविधा है। इसलिए बच्चों को सुविधाभोगी नही बनाएं। विद्या का मतलब सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि चरित्र का निर्माण होता है। संभावना प्रतीक का पहचान है। सैन्य संतुलित संविधान का नाम संभावना है। आने वाले समय में स्वच्छ नागरिक बनाने में यह विद्यालय सक्षम होगा। साधना में शक्ति है। निश्चित रुप से विद्यालय आने वाले समय में महाविद्यालय नहीं बल्कि विश्व विद्यालय बनेगा।

कर्नल राणा प्रताप सिंह (सेनि) ने कहा कि विद्यालय दिन-प्रतिदिन प्रगति के पथ की ओर अग्रसर है, उन्होंने बच्चों के भी बच्चों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रशंसा की। निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र ने कहा कि 45 दिवसीय कार्यशाला में बच्चों ने प्रयोग कर सीखा है। इसके बाद अपनी परफॉर्मेंस दी है। इसके लिए कला शिक्षकों एवं प्रशिक्षकों की मेहनत का परिणाम है, उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे शिक्षक, शिक्षिका, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों समेत अन्य को धन्यवाद दिया। प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि बच्चों में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है। जरूरत है, उन्हें समय पर निखारने की। सुविधा देना गलत नहीं है, लेकिन बच्चे को सुविधाभोगी बनाना गलत है। आज के परिवेश में बच्चों को ऐसी शिक्षा दें कि वे हरेक परिस्थिति में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें। हमारे शिक्षक चाणक्य के रूप में चंद्रगुप्त की खोज कर रहे हैं। इसीलिए हम चाणक्य रूपी शिक्षकों की खोज करते हैं, जो बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखार सके।

इस मौके पर उन्होंने विद्यालय के स्थापना काल में बहुमूल्य योगदान देने वाले लोगों को याद कर नमन किया। इसके पूर्व विद्यालय के निदेशक एवं प्राचार्या ने सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह एवं बूके देकर सम्मानित किया। इसके अलावे कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए विभिन्न पब्लिकेशन, मीडियाकर्मियों को सम्मानित किया गया। वही विभिन्न विधाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को मोमेंटो और प्रशस्ति-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम से हुआ। इस अवसर पर कवि जनार्दन मिश्र, डाॅ.किरण कुमारी, डाॅ. मनीष तिवारी, शंभू चौरसिया, श्रीकांत राय, शिक्षक सहदेव सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

Sambhavna School – Silver Jubilee : सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने दिखाया जलवा, एक से बढकर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का मोहा मन

Sambhavna School - Silver Jubilee : सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने दिखाया जलवा, एक से बढकर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों का मोहा मन

संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के रजत जयंती समारोह में कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की छात्र-छात्राओं ने अपनी कलाकारी दिखाई। एक से बढकर एक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह के दौरान श्रेया, आकृति, सौम्या व टीम ने स्वागत गीत पेश कर अतिथियों को मंत्र मुक्त कर दिया। तत्पश्चात मिक्स डांस दिव्या कुमारी, रेहमा तनवीर, सौरभ कुमार, श्रेया कुमारी, अंशु पाल, अयंश राज, जाहृवी सिंह, दिव्याश कुमार, श्रेयंश पाल, अंश राज, आनंदी सिंह, आदर्श पांडेय, अकबर इमाम, विवान कुमार ने पेश किया।

भोजपुरी गीत काहे “कहे के त सभे केहू आपन….” को आर्या, युबिका, सौम्या, खुशहाल, अभिनव, अंकुश, कृतिका, श्रेया, ऋषि ने प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। वहीं डांस “चक धूम-धूम…” की प्रस्तुति कर साक्षी मिश्रा, नंदनी कुमारी, कुमारी प्रियांशी, आनंदी सिंह, आरोही कुमारी, श्रेयांशी, दिव्या कुमारी, रेहमा तनवीर, श्रेया कुमारी, आदया ने खूब तालियां बटोरी। वही नाटक “अंधेर नगरी चौपट राजा…” का मंचन किया गया, जिसमें अयान कुमार यादव, अंशुमान पांडेय, अंकुश कुमार, विवान कुमार, दुर्गेश यादव, तान्या कुमारी, अभिनव, श्रेयाग्नी, पीयूष सिंह, प्रीति कुमारी, आशीष कुमार, सुमित कुमार, ध्रुव कुमार, वर्णित यादव, अंश कुमार, प्रियम कुमारी, मिहिर कुमार, राजवीर सिंह एवं सन्नी कुमारी ने शानदार अभिनय की प्रस्तुति दी।

इधर, एकल गायन “तेरे जीवन में खुशियां…” को शौर्य कुमार ने प्रस्तुत किया। वहीं “सड़क सुरक्षा जीवन के लिए होती है….” पर आधारित गीत शिवानी, अंकित, युविका, आदित्या, अभिनव और आर्या ने प्रस्तुत किया। डांस “बेटी हमरो अनमोल…..” को खुशी, सगुन, श्रेया, शंगवी, सरिया, अंशिका, सौम्या, परी, श्रेया, पल्लवी, ऋषिका, जूही, आरोही एवं रोमा ने प्रस्तुत किया। माइम “वेस्टेज आॕफ वाटर…” को नवीन कुमार, रितिका, आराध्या, आरुषी, आराध्या ने प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

राजस्थानी लोक नृत्य “घूमर” को मानवी कुमारी, सृष्टि कुमारी, साक्षी कुमारी, आरोही सिंह, तनु कुमारी, माही कुमारी, आस्था कुमारी नेपेश कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। “वंदे मातरम” की प्रस्तुति कृतिका कुमारी, सौम्या कुमारी, आर्या कुमारी, शौर्य कुमार एवं खुशहाल राज ने पेश किया।

KRISHNA KUMAR
KRISHNA KUMAR
बिहार के आरा निवासी डॉ. कृष्ण कुमार एक भारतीय पत्रकार है। डॉ. कृष्ण कुमार हिन्दी समाचार खबरें आपकी के संपादक एवं न्यूज पोर्टल वेबसाईट के प्रमुख लोगों में से एक है।
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