Gaya Ji: केंद्रीय मंत्री और गया से सांसद जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि अब गया को मैं ही नहीं पुरी दुनिया कहेगी ‘गया जी’ धन्यवाद नीतीश कुमार जी।
- हाइलाइट्स: Gaya Ji
- पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी के मद्देनजर गया का नाम गया जी करने का फैसला लिया गया
पटना: ज्ञान और मोक्ष की भूमि कहे जाने वाले गया शहर का नाम अब बदल कर गया जी कर दिया गया है। ये फैसला नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिया गया। गया से सांसद और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार का आभार जताया है। पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी के मद्देनजर गया का नाम गया जी करने का फैसला लिया गया। राज्य सरकार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सम्मानित करने की दिशा में बड़ी पहल मानी जा रही है। आपको बात दें शहर के स्थानीय संगठनों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों लंबे समय से गया का नाम बदलकर ‘गया जी’ करने की मांग कर रहे थे।
आपको बता दें हर साल लाखों की संख्या में लोग अपने पितरों के मुक्ति और मोक्ष के कामना के लिए गया में पिंडदान करने गया आते हैं। पूरे देश में गया एकमात्र ऐसी जगह है, जहां पूरे साल श्राद्ध किया जाता है। देश-दुनिया से लोग अपने पितरों के मुक्ति के लिए श्राद्ध करने आते हैं। गया को विष्णु नगरी भी कहते हैं। गया की भूमि को मोक्ष की धरती भी कहा जाता है। खुद भगवान राम ने भी गया की महिमा का वर्णन किया है। गया कि धरती पर खुद माता सीता ने फ्लगु नदी के तट पर बालू का पिंड राजा दशरथ को दिया था। मान्यता है कि उनके इस पिंड के बाद ही राजा दशरथ को स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी।
बताया जाता है कि गया में अलग-अलग नामों के कुल 360 वेदियां थी, जहां पिंडदान किया जाता था। लेकिन अब 48 वेदियां रह गई है जहां पिंडदान किया जाता है। हर साल पिंडददान के लिए देश विदेश से लाखों लोग गया पहुंचते हैं और अपने पितरों के मोक्ष की कामना करते हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार ने इस गयावासियों की मांग को सम्मानपूर्वक स्वीकार किया और कैबिनेट की बैठक में इसे औपचारिक रूप से मंजूरी प्रदान कर दी।