CIR Room In Arrah-भोजपुर के आरा में सीआईआर रूम की शुरुआत
छह माह में सबसे ज्यादा केस डिस्पोजल करने वाले दारोगा ने किया उद्घाटन
सीआईआर से अनुसंधान में आईओ को मिलेगा सपोर्ट,की जायेगी मॉनिटरिंग
राजधानी पटना की तर्ज पर अब भोजपुर पुलिस करेगी केस की अनुसंधान
खबरे आपकी आरा। भोजपुर पुलिस द्वारा केस के अनुसंधान की गुणवत्ता और गति बढ़ाने को लेकर एसपी द्वारा नयी पहल शुरू की गयी है। इस लेकर सेंट्रल इंवेस्टिगेशन की शुरुआत की गयी है। छह माह में सबसे अधिक केस डिस्पोजल करने वाले नवादा थाने के दारोगा सियाराम सिंह द्वारा शुक्रवार को सेंट्रल इंवेस्टिगेशन रूम (सीआईआर) का उद्घाटन किया गया। सीआईआर के जरिये अनुसंधान की गति और गुणवत्ता की मॉनिटरिंग की जायेगी। इसके अलावे सभी आईओ को सपोर्ट भी किया जायेगा। इससे आईओ को अनुसंधान करने में मदद मिलेगी। एसपी विनय तिवारी ने बताया कि उनका प्रयास पब्लिक द्वारा थाने में दर्ज कराये गये केसों का समय पर अनुसंधान पूरा कराया जाये। ताकि समय पर न्याय मिल सके। इसके लिये उनका प्रयास है कि समय पर केसों के अनुसंधान पूरा और उनकी क्वालिटी अच्छी हो। सुपरविजन भी अच्छे तरीके से हो। इसके लिये यह नयी व्यवस्था शुरू की गयी है। ताकि व्यवस्थागत तरीके से अनुसंधान और डिस्पोजल की मॉनिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि सीआईआर के जरिये आईओ को हर तरह का सपोर्ट भी किया जायेगा।
CIR Room In Arrah – सीआईआर में रहेगा आईओ के केस का पूरा लेखा-जोखा, मिलेगी हर मदद
आरा। सेंट्रल इंवेस्टिगेशन रूम केस डिस्पोजल का नियंत्रण कक्ष होगा। एसपी सहित तमाम वरीय अफसर अनुसंधान और केस डिस्पोजल की से मॉनिटरिंग करेंगे। जरूरत के अनुसार आईओ को समय पर सुपरविजन व पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित अन्य आवश्यक कागजात भी मुहैया कराया जायेगा। ताकि समय पर केस का अनुसंधान पूरा हो सके। आईओ भी अनुसंधान में होने वाली समस्या से अवगत करा सकेंगे। सीआईआर में सभी आईओ के केस का पूरा लेखा-जोखा रहेगा। इसके लिये एक रजिस्टर बनाया गया है। उसमें आईओ को दिये गये टास्क और उसके डिस्पोजल का भी डिटेल्स रहेगा। सीआईआर के जरिये आईओ को हर तरह की मदद भी की जायेगी। अनुसंधान को लेकल सुझाव भी दिये जायेंगे। पुलिस अॉफिस में एसपी के चैंबर के बगल में बनाये गये सीआईआर का इंचार्ज इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार को बनाया गया है। झसपी ने बताया कि इंचार्ज सीआईआर की व्यवस्था की देखरेख करेंगे। आईओ को मदद भी करेंगे। वह खुद मॉनिटरिंग करेंगे।
एसडीपीओ से थानेदार तक को गिरफ्तारी का दिया गया टास्क
आरा। हत्या सहित गंभीर कांडों के आरोपितों की धरपकड़ को लेकर अब एसडीपीओ को भी फील्ड में उतरना होगा। खुद एसपी भी छापेमारी करेंगे। सेंट्रल इंवेस्टिगेशन रूम का उद्घाटन करने के बाद एसपी द्वारा सभी अफसरों को केस डिस्पोजल और गिरफ्तारी का टास्क भी दिया। इसके तहत एसडीपीओ से लेकर थानेदार तक को टारगेट दिया गया है। पढ़ें- एक दूसरे का हाथ पकड़ उफनती गंगा में कूद पड़ी दो युवतियां
एसपी ने बताया कि हर थानेदार को सप्ताह में हत्या सहित गंभीर कांड के तीन आरोपितों को हर हाल में गिरफ्तार करना होगा। एसडीपीओ और इंस्पेक्टर को भी दो-दो आरोपितों को गिरफ्तार करना होगा। वहीं आईओ को सप्ताह में कम से कम बीस केस का डिस्पोजल करना होगा। उन्होंने बताया कि अब हर काम सिस्टमेटिक ढंग से होगा। इसके लिये एक शेडयूल तैयार किया गया है। खासकर केस डिस्पोजल में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिये शेडयूल बनाया गया है। उसके अनुसार केस के आइओ सीआईआर में आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। वहां अफसरों द्वारा उनकी शिकायातों को दूर किया जायेगा। एसपी ने बताया कि कम से कम तीन दिन छापेमारी करनी होगी। उसका डिटेल्स भी सीआईर में देना होगा।
सभी थानो के अनुसंधानक का शेड्यूल तैयार
CIR Room In Arrah सीआइआर (सेंट्रल इन्वेस्टिगेशन रूम) में जिले के सभी लंबित कांडो के अनुसंधान की अनुसंधानकर्तावार समीक्षा, थानाध्यक्ष, अंचल पुलिस निरीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के स्तर से की जायेगी, इसके लिए सभी थानों के अनुसंधानक के लिए शेड्यूल तैयार कर दिये गये हैं, जिसमें अनुसंधानकों को अनुसंधान में आ रही किसी भी बाधाओं को दूर किया जायेगा। इसके लिए थानाध्यक्ष, पुलिस निरीक्षक अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) एवं पुलिस अधीक्षक का भी दैनिक शेड्यूल निर्धारित है, जिसके अनुसार आम नागरिक, जिन्हें किसी कांड में विशेष कोई शिकायत है, वे अपनी सुविधा एवं निर्धारित शेड्यूल के अनुसार कार्यालय में आकर अपनी समस्या बता सकते है, जिसका निराकरण संबंधित थानाध्यक्ष, पुलिस निरीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा तत्काल किया जायेगा। इसके लिए पुलिस अफसरों के शेड्यूल का निर्धारण कर दिया गया है।
अनुसंधान की कमी दूर करने को लोक अभियोजकों से भी लिया गया सुझाव
केस अनुसंधान में कमी की दूर करने को लेकर एसपी ने लोक अभियोजकों के साथ भी बैठक की। इस दौरान लोक अभियोजकों से कई बिन्दुओं पर सुझाव और जानकारी ली गयी। ताकि अनुसंधान में होने वाली कमियों को दूर किया जा सके और आरोपितों को उचित सजा दिलायी जा सके। साथ ही कोर्ट से संबंध सुधारने के उपायों पर भी चर्चा की गयी। एसपी विनय तिवारी ने बताया कि अनुसंधान की कमियों को दूर करने के लिये बैठक की गयी। उसमें कुछ महत्व पूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गयी। सुझाव और जानकारी भी ली गयी।
पटना की सफलता के बाद एसपी ने भोजपुर मे लागू की सीआईआर
CIR Room In Arrah भोजपुर पुलिस केस का अनुसंधान करने के लिये पटना मॉडल को अपना रही है। पटना की तर्ज पर एसपी द्वारा भोजपुर में सीआईआर की व्यवस्था लागू की गयी है। जानकारी के अनुसार पटना में केस की गुणवत्ता और गति बढ़ाने को लेकर पहले से ही यह व्यवस्था लागू है। पटना में सिटी एसपी रहते विनय तिवारी को इससे सफलता भी मिली थी। पटना की सफलता को देखते हुये उनके द्वारा भोजपुर में यह नयी व्यवस्था लागू की गयी है। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द इसका रिजल्ट सामने आने लगेगा।