Trauma center: अक्सर फोरलेन पर दुर्घटना होती है। कई घायल उचित इलाज तथा समय के अभाव के चलते अपनी जान से हाथ धो बैठते है।
- हाइलाइट :-
- फोरलेन पर बक्सर से आरा के बीच नहीं है ट्रामा सेंटर
- बेहतर इलाज के अभाव में घायल बीच रास्ते में तोड़ देते हैं दम
आरा: NH 922 फोरलेन आरा-बक्सर के बीच कोई ट्रामा सेंटर (Trauma center) नहीं हैं। जबकि इसपर गाड़ियां तेज रफ्तार से चलती है। इसके चलते आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। इन दुर्घटनाओं में घायलों का उचित व समय पर इलाज नहीं होने के चलते उनकी जान जा रही है। ऐसी स्थिति में आरा व बक्सर NH 922 फोरलेनपर ब्रह्मपुर या शाहपुर में ट्रामा सेंटर खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
बता दें कि ब्रह्मपुर के दोनों और 15 कमी के दायरे में फोरलेन के प्रारंभ होने के बाद दो दर्जन से अधिक बड़ी सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी है। जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। शाहपुर का हाल भी कमोबेश यही है । लेकिन बक्सर-आरा फोरलेन के 80 किमी की दूरी में एक भी ट्रामा सेंटर नहीं है।
अगर फोरलेन पर दुर्घटना होती है तो घायलों को पहले पास के सरकारी अस्पताल में प्राथमिक इलाज कराने के बाद आरा या बक्सर भेजा जाता है। गंभीर स्थिति होने पर घायलों को ट्रामा सेंटर बीएचयू वाराणसी या एम्स पटना भेजा जाता है। इसमें इतना समय लग जाता है कि कई घायल उचित इलाज तथा समय के अभाव के चलते अपनी जान से हाथ धो बैठते है।
ट्रामा सेंटर बनने पर घायलों को तत्काल यहां इलाज के लिए लाया जा सकता है। जिससे कईयों की जिंदगी बच सकती है। ऐसी स्थिति में अब समय की जरूरत भी हो गई है कि तत्काल ट्रामा सेंटर का निर्माण हाईवे पर किया जाए।