Discussion on Baba article : हाल ही में पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के एक आलेख ने नई बहस को जन्म दिया है। राजनीति में व्यक्तित्व और उनके कथन अक्सर नए मौकों और परिवेश के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण होते हैं।
- हाइलाइट : Discussion on Baba article
- बाबा के कुर्सी वाले आलेख पर सियासी हलचल हुई तेज
- बाबा जिस थाली में खाते है उसी में छेद करते है: हीरा ओझा
आरा/शाहपुर: राजनीति में व्यक्तित्व और उनके कथन अक्सर नए मौकों और परिवेश के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण होते हैं। हाल ही में पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के एक पोस्ट को लेकर राजद नेता हीरा ओझा ने एक उपमा के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया कि माली चाहे बगीचे को कितना भी सुंदर रखे, उसमें पक्षियों का ठहराव अल्पकालिक ही रहता है। यही स्थिति शिवानंद तिवारी की है, जो अपने स्वार्थ के लिए राजनीतिक चक्रव्यूह में अपने परिवेश को तात्कालिक रूप से सजा तो लेते हैं, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध नहीं होने पर स्टंट शुरू कर देते है।
राजद नेता हीरा ओझा ने कहा शिवानंद तिवारी का राजनीतिक जीवन देखे तो कभी ये नीतीश के साथ स्थिति को साधते हैं, तो कभी लालू जी के पास जाते हैं। नीतीश जी के पेट में दांत है कहने वाले शिवानंद तिवारी के बारे में जग जाहीर है की बाबा स्टंट करने में माहिर है। इन्होंने राजनीतिक स्वार्थ के लिए, व्यक्तिगत लाभ के लिए सिद्धांतों और विचारधाराओं को तिलांजलि दी है। चाहे जनेव, जनेऊ, (यज्ञोपवीत) तोड़ने का मामला हो या लालू प्रसाद यादव पर केस करने का मामला।
राजनीतिक स्वार्थ के लिए स्टंट करने की इनकी राजनीति इनकी विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगाते हैं। एक बड़ा आरोप लगाते राजद नेते हीरा ओझा ने कहा की जिस थाली में बाबा खाते है उसी में छेद भी करते है। लालू प्रसाद यादव जी को मै राजा साहब (पूर्व प्रधान मंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह) के समय से जनता हूं। वे बहुत साफ दिल के व्यक्ति है।
श्री ओझा ने कहा की श्रद्धेय रमानंद तिवारी का हमेशा मेरे दरवाजे पर आना और रुकना, बचपन से मै उन्हे जनता हूं। लेकिन शिवानंद तिवारी एक ऐसे नेता हैं जो स्वार्थी राजनीति के प्रतीक बन गए हैं। वे अपने लाभ के लिए कभी नीतीश जी के साथ तो कभी लालूजी के साथ जुड़ते हैं और जब स्थिति बदलती है, तब अपने मार्ग को परिवर्तित कर लेते हैं।
विदित रहे की पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी उर्फ मंटू, भोजपुर जिला के शाहपुर विधान सभा क्षेत्र से राजद के सिंबल पर लगातार दो बार से विधायक है। वही बाबा के कुर्सी वाले आलेख पर क्षेत्र में व्यापक रूप से चर्चा शुरू हो गई है। स्वार्थ सिद्ध नहीं होने पर न्या राजनीतिक स्टंट शुरू कर देने के आरोप सहित कई अन्य आरोप लगाये जा रहें है।