Sunday, December 22, 2024
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शाहपुर नपं में डस्टबिन घोटाले का अंदेशा अब सच में बदलने लगा- कामेश्वर राज

वार्ड पार्षद सदस्य कामेश्वर राज ने बताया की आरोप साबित होते देखकर सही सूचना देने से गुरेज कर रहे हैं। इससे नगर पंचायत के अधिकारियों की मिलीभगत साबित होती है। जो सूचना मांगी गई है उसे उपलब्ध नहीं कराया गया हैं।

Dustbin scam in Shahpur: वार्ड पार्षद सदस्य कामेश्वर राज ने बताया की आरोप साबित होते देखकर कार्यपालक पदाधिकारी सही सूचना देने से गुरेज कर रहे हैं। इससे नगर पंचायत के अधिकारियों की मिलीभगत साबित होती है। जो सूचना मांगी गई है उसे सही-सही उपलब्ध नहीं कराया गया हैं।

  • हाइलाइट :- Dustbin scam in Shahpur
    • आरटीआई से निकला डस्टबिन घोटाले का जिन्न
    • डस्टबिन की खरीदारी Amount और उसकी क्वालिटी व संख्या पर सवाल?
    • भ्रष्टाचार छुपाने में अधिकारियों की है मिली भगत, नहीं दिया सही-सही सूचना- कामेश्वर राज
    • तीन माह के अंदर ही स्टील के डस्टबिन में लगने लगा है जंग

आरा/शाहपुर: सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम ((आरटीआई)) इसलिए लागू किया कि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता रहे। लोग सूचनाएं प्राप्त कर सकें ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो। लेकिन नगर पंचायत शाहपुर के अधिकारियों ने इसका भी मखौल बनाकर रख दिया है। नगर पंचायत के अधिकारियों ने कसम खा रखी है कि चाहे कुछ भी हो जाए आरटीआई के तहत कोई सूचना देनी ही नहीं है। अगर मामले की अपील ऊपर पहुंचे तो आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना इस प्रकार भेजनी है कि इसका कोई महत्व ना रहें। यानि “सांप भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे” शाहपुर नगर पंचायत के इस रवैये से पीडि़तों की सूची में आम आदमी ही नहीं, नगर पंचायत के वार्ड पार्षद सदस्य तक शामिल हैं।

Dustbin scam in Shahpur - ज्यादा एमआरपी की चर्चा और घटिया क्वालिटी देख पार्षद ने लगाया था आरटीआई

आरटीआई के तहत वार्ड पार्षद ने मांगी थी सूचना

दरअसल वार्ड पार्षद सदस्य कामेश्वर राज के द्वारा लोक सूचना अधिकार अधिनियम के तहत शाहपुर नगर पंचायत में खरीदे गए स्टील कुड़ादान एवं प्लास्टिक कुड़ादान का वाउचर स्लीप कैशमेमो या रशीद की सत्यापीत छायाप्रति की मांग, घोटाले का अंदेशा जताते हुए इसकी सूचना मांगी थी। परंतु नगर पंचायत शाहपुर के द्वारा इसका उतर सही-सही ना देकर इसको छुपा लिया गया है। इसलिए इसमें हुए घोटाले के अंदेशा अब सच में बदलने लगा है।

आरटीआई के तहत कामेश्वर राज के प्रश्न :- किस बैठक में कितने सदस्यों द्वारा कितने सदस्यों द्वारा स्टील कुड़ादान एवं प्लास्टिक कुड़ादान खरीदने के लिए सहमती दी गई है। तथा स्टील कुडादान किस कम्पनी का किस दुकान से कितने लिटर का एवम प्लास्टिक कुडादान किस कम्पनी का किस दुकान से कितने लिटर का कितनी संख्या में किस मद से खरीदा गया है। खरीदे गए सभी कुडादान का वाउचर स्लीप कैशमेमो या रशीद की सत्यापीत छायाप्रति देने की कृपा करें।

कार्यपालक पदाधिकारी शाहपुर का जबाब :- दिनांक -26.06.2023 के आहूत, बोर्ड की बैठक के प्रस्ताव संख्या-04 में लिए गये निर्णय के आलोक में दिनांक-05.09.2023 को आहूत सशक्त स्थायी समिति की बैठक के प्रस्ताव सं0-04 में समाग्री कय करने का निर्णय लिया गया है। निविदा प्रक्रिया द्वारा GEM के माध्यम से सामग्री कय किया गया है। GEM के माध्यम से चयनित एजेंसी – SHAKTI CORPORATION द्वारा 190 अदद खरीदा गया है। Dust Bin 2Bin Mounted with 3 Pole Capacity 100 ltr सादर सूचनार्थ समर्पित।

ज्यादा एमआरपी की चर्चा और घटिया क्वालिटी देख पार्षद ने लगाया था आरटीआई

मालूम हो की शाहपुर नगर पंचायत को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए करीब 5 माह पहले पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी रजनीश कुमार के द्वारा करोड़ से ज्यादा रुपये की लागत से डस्टबिन खरीद का मामला सामने आया था। एमआरपी रेट से ज्यादा पर डस्टबिन की खरीदारी की चर्चा और उसकी क्वालिटी पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। तीन माह के अंदर ही स्टील के डस्टबिन में जंग लगने के कारण वार्ड पार्षद सदस्य कामेश्वर राज के द्वारा आरटीआई के तहत सूचना मांगी गई थी। लेकीन सूचना छुपाने से घोटाले के अंदेशा अब सच में बदलने लगा है।

आरोप साबित होते देखकर सही सूचना देने से गुरेज

वार्ड पार्षद सदस्य कामेश्वर राज ने बताया की आरोप साबित होते देखकर कार्यपालक पदाधिकारी सही सूचना देने से गुरेज कर रहे हैं। इससे नगर पंचायत के अधिकारियों की मिलीभगत साबित होती है। जो सूचना मांगी गई है उसे सही- सही उपलब्ध नहीं कराया गया हैं।

RAVI KUMAR
RAVI KUMAR
बिहार के भोजपुर जिला निवासी रवि कुमार एक भारतीय पत्रकार है एवं न्यूज पोर्टल खबरे आपकी के प्रमुख लोगों में से एक है।
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